इंदौर लेखिका संघ की मासिक बैठक संपन्न

मौलिक एवं सम सामयिक रचनाएं सुनाईं
इंदौर। इंदौर लेखिका संघ की मासिक बैठक गुरुवार को कुंद कुंद विद्यापीठ में आयोजित की गई। इस अनौपचारिक बैठक में सदस्यों ने मौलिक व समसामयिक रचनाएं सुनाईं।
सर्वप्रथम संस्था अध्यक्ष मंजुला भूतड़ा ने विश्व रक्तदान दिवस पर अपनी कविता भ्रांतियां सब तोड़ो, रक्तदान से नाता जोड़ो सुनाई। सचिव विनीता तिवारी ने सच्ची घटना बरसात की वो भयावह रात का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया। सुषमा व्यास ने फादर्स डे( 17 जून) के अवसर पर अपने पिता का स्मरण करते हुए कविता पापा मेरे पापा सुनाई तो नीति अग्निहोत्री ने सुनाया पापा कभी रिश्वत नहीं लेते। अंजुल कंसल ने भी सुनाया कि क्या सिर्फ एक दिन ही फादर्स का होता है।
चेतना भाटी ने लघुकथा से ऑक्सीजन उगाने को व्यक्त किया। कुसुम सोगानी ने पानी की व्यथा बताई। वंदना पुणतांबेकर ने तुरंत रचित कविता बरसात सुनाई। रश्मि सक्सेना ने सामयिक दोहे सुनाए।शोभा दुबे ने ईश का अनुपम उपहार कविता में सटीक भावना वयक्त की। चंद्रा सायता ने आम सोच से आगे लघुकथा और ऋतु मिश्र ने कविता तुम आ जाओ फिर पढ़ेंगे से कार्यक्रम का समापन किया। इस अवसर संध्या रायचौधरी, निशा चतुर्वेदी, सरोज यादव सहित कई अन्य सदस्य भी बैठक में शामिल हुईं।