प्रदेशवार्ता. कालेज के विद्यार्थी साल भर मेहनत करते हैं. कैसा लगेगा जब उन्हें पता चले की उनकी उत्तर पुस्तिका चेक करने में ही लापरवाही की जा रही हैं. जिन शिक्षकों के कांधे पर जिम्मेदारी है वे टालमटोल और लापरवाही कर रहे हैं.
होशंगाबाद में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से संबद्ध एक कॉलेज में ऐसी ही बडी लापरवाही सामने आई हैं. पिपरिया के शहीद भगत सिंह शासकीय पीजी महाविद्यालय में एक चपरासी ने हिंदी की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर दिया। चपरासी के कॉपी चेक करने की घटना तुरंत फैल गई। सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला सामने आया था. जांच में पता चला कि विश्वविद्यालय ने उत्तर पुस्तिकाएं कॉलेज में मूल्यांकन के लिए भेजी थीं। यह जिम्मेदारी अतिथि शिक्षक खुशबू पगारे को दी गई थी। खुशबू पगारे ने इन उत्तर पुस्तिकाओं को राकेश कुमार मेहर को ठेके के रूप में सौंप दी. इसके लिए मेहर को 7 हजार रुपए का भुगतान भी कर दिया. फिर क्या था ठेका और आगे खिसक गया. राकेश कुमार ने इसका सौदा कालेज के चपरासी पन्नालाल से कर लिया. इसके लिए पन्नालाल को पांच हजार रुपए का भुगतान किया गया.
मामला खुला तो उच्च शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए. जांच के बाद चपरासी और एक अतिथि शिक्षक पर कार्रवाई हुई. प्रभारी प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार वर्मा और डॉ. रामगुलाम पटेल को भी निलंबित कर दिया गया.
