प्रदेशवार्ता. अरब मुवालिक का एक अहम देश कुवैत. पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा करके अभी लौटे. भारत को कच्चा तेल निर्यात करने में कुवैत का चौथा नंबर. कुवैत ने कम समय में खूब तरक्की करी. कुवैत को खडा करने, इसे मजबूत आधार देने में भारतीयों का योगदान वहां सबसे ज्यादा हैं. कुवैत की कुल 48 लाख आबादी में भारतीयों की संख्या 10 लाख हैं. कामगारों के भरोसे ही कोई देश तेजी से खडा होता है, कुवैत में भारतीय कामगारों का बोलबाला हैं, 61 प्रतिशत भारतीय कामगार देश को आगे लेकर जा रहे. भारतीय कामगारों की मेहनत का जवाब नहीं. भारत के सदर आला जनाब नरेद्र मोदी ने भी कुवैत की तरक्की में भारतीयों की कडी मेहनत को सराहा है. भारतीय वहां कंस्ट्रक्शन, घरेलू काम, ड्राइविंग और अन्य सेक्टर्स में रोजगार पाते हैं. भारतीय कामगारों की कमाई उनकी स्किल्स और अनुभव पर निर्भर करती हैं. जो स्किल्स वर्कर्स है जैसे इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर आदि का वेतन 200 से 400 केडी तक होता हैं. भारतीय रुपए में यह 50,000-से 1,00,000 रुपए होती है. कंपनिया कामगारों को फ्री में रहना और खाने की सुविधा देती हैं. इससे बचत बढ जाती हैं. कुवैतियों को इलाज देने के लिए वर्तमान में एक हजार भारतीय डाक्टर, 500 दंत चिकित्सक और 2400 नर्स काम कर रही हैं. कुवैत में बसे भारतीय भारत में पैसा भेजकर यहां की तरक्की में भी योगदान देते हैं. परिवार का जीवन स्तर ऊंचा हो, बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इस सोच के साथ वे मेहनत और समर्पण से खूब काम करते हैं.
