प्रदेशवार्ता. शादी के लिए लडकियों को बेचा जा रहा था. रंग, कद और उम्र के हिसाब से कीमत तय की जाती. किसी लडकी को ढाई लाख रुपए में बेचा, तो किसी को पांच लाख में बेच दिया गया. पूरा खेल एनजीओ की आड में किया गया. दावा किया कि एनजीओ गरीब लडकियों की शादी करेगा. उनका घर बसाएगा. ऐसा झांसा और धोखा देकर 1500 से अधिक लडकियों को बेच दिया गया. एक फार्म हाउस पर नाबालिग का सौदा चल रहा था, हिम्मत दिखाकर लडकी भागी और पुलिस के पास पहुंच गई. इसके बाद इस काले खेल का पर्दाफाश हो गया. मुख्य सरगना गायत्री सहित अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
तस्करी का ये भंडाफोड जयपुर में हुआ हैं. एनजीओ गरीब लडकियों की शादी कराने के नाम पर तस्करी का रैकेट चला रहा था. एनजीओ चलाने वाली महिला गायत्री विश्वकर्मा गरीब परिवारों की लडकियों की तस्करी करने वाले एजेंटों से लडकियों को खरीदती थी. फिर इन्हें दुल्हन तलाश कर रहे युवकों को ढाई से पांच लाख रुपए में बेच देती. गायत्री देवी नाबालिग लडकियों की शादी के लिए फर्जी आधारकार्ड बनवाती, ताकि उनकी उम्र 18 साल से ज्यादा दिखे. ऐसी करीब 1500 शादी करवाई. रैकेट का पर्दाफाश यूपी की नाबालिग लडकी ने किया था. 16 साल की लडकी फार्म हाउस से भाग निकली थी. पुलिस ने उसके बयान के आधार पर फार्म हाउस पर छापा मारा. वहां से पुलिस ने गायत्री, उसके साथी हनुमान, भगवानदास और महेंद्र को गिरफ्तार किया. ये लोग वहां एजेंट से किशोरी को खरीदने गए थे.
