प्रदेशवार्ता. महज 14 साल की उम्र के बच्चे की विकृत सोच ने पुलिस को हैरान करके रख दिया हैं. चिंता की बात भी है कि धीरे. धीरे मानसिक विकृता को किस जगह पहुंचा दिया गया हैं. महज घटना नहीं, ये एक चेतावनी भी हैं. परिवार और समाज को अध्ययन करना पडेगा की आखिर वे कौन से कारण है जो किशोर उम्र के बच्चों को मानसिक बीमार बना रही हैं, उनकी सोच विकृत कर रही हैं.
पूरा मामला मप्र के टीकमगढ़ का है. एक दिन पहले गुरुवार को पुलिस ने महज 14 साल के उम्र के बच्चे को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इस 14 साल के लडके ने एक चार साल के बच्चे का योन उत्पीड़न करना चाहा. चार साल के बच्चे ने विरोध किया. घबराकर 14 साल के बच्चे ने उसका गला घोंटकर हत्या कर दी. अब मासूम के परिजन बदहवास हैं. उनका बेटा दुनिया से चला गया. इस हत्या के खुलासे पर पुलिस भी हैरान हैं. आखिर कैसे सातवीं में पढने वाला बच्चा इतनी खराब सोच के साथ मौके का इंतजार कर रहा था. चार साल का मासूम मंगलवार को घर से गायब हो गया था. पुलिस ने उसकी खोज खबर के लिए चार टीमें बनाई थी. आखिरकार बच्चे का शव घर के पास झाडियों में ही मिल गया. पुलिस को पहले ही योन उत्पीड़न का शक था. पुलिस को जांच में किशोर पर शक हो गया. उससे पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह बता दिया. किशोर ने बताया कि उसने बच्चे का योन उत्पीड़न करने के लिए उसे इमली खाने के बहाने बुलाया था. चार साल के बच्चे का योन उत्पीड़न करना चाहा तो उसने विरोध किया. इस पर किशोर ने हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और पाक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया. कोर्ट ने उसे किशोर सुधार गृह भेज दिया.
