प्रदेशवार्ता. मोहन सरकार को भी अफसर अंधेरे में रख रहे हैं. दो साल पहले भाजपा सरकार में ही जो पालिसी बनी और स्वीकृत हुई अब उसमें एनएचएम (नेशनल स्वास्थ्य मिशन) भोपाल के अफसर छलनी लगा रहे हैं. दरअसल सामान्य प्रशासन विभाग पर एनएचएम के अफसर भारी पड रहे हैं. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को एनएचएम की मंशा समझ आ गई है. भडके कर्मचारी काम बंद कर हडताल पर जाने वाले हैं.
मप्र के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हडताल पर जा रहे हैं. हडताल में 32 हजार कर्मचारी शामिल होंगे. ऐसे में ग्रामीण और शहरी दोनों जगह की स्वास्थ्यगत सेवाएं ठप हो सकती हैं. मोहन यादव सरकार में भी अफसर भारी पड रहे हैं. एनएचएम के अफसरों ने शासन की पूर्व में स्वीकृत नीति पर ही कैंची चला दी हैं. इसका सीधा नुकसान संविदा कर्मचारियों को उठाना पडेगा. सरकार की वादा खिलाफी से कर्मचारी नाराज हैं. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र भदोरिया, प्रदेश संयोजक विजय ठक्कर और प्रदेश महामंत्री जितेंद्र यदुवंशी के अनुसार पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान ने 4 जुलाई 2023 को भोपाल में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की महापंचायत बुलाई थी, जिसमें अनेक घोषणाएं की गई थी. इन घोषणाओं के परिपालन में सामान्य विभाग द्रारा 23 जुलाई 2023 को एक नीति की सौगात दी गई थी. अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के अफसरों द्रारा बाले. बाले इन सौगातों में कटौती कर दी गई हैं. ये अफसर सीएम और विभाग के मंत्री को भी भ्रमित कर रहे हैं. अगर सरकार ने नीति बना दी है तो अफसर क्यों उसमें कटौती करने पर तुले हैं. इनके कारण सरकार की छवि भी धूमिल हो रही हैं. इधर इतने बडे अमले के हडताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो सकती हैं. स्वास्थ्य विभाग पहले ही अमले की कमी से जूझ रहा हैं. ऐसे में इस हडताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं.
