प्रदेशवार्ता. आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं की भर्ती में महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने लाखों रुपए लेकर कई अपात्रों को नौकरी दे दी. पात्रता होने के बावजूद जिन्हें बाहर किया गया उन्होंने जिला प्रशासन सहित सीएम पोर्टल पर शिकायत कर दी. जिला प्रशासन ने पूरी भर्ती पर जांच बैठाई तो पैसे का लेनदेन साबित हो गया. इसके बाद जिला कार्यक्रम आधिकारी सहित पांच पर कार्रवाही हो गई.
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में लाखों रुपये की वसूली की गई. जिले में 163 पदों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती पिछले माह हुई थी. आरोप लगा कि लाखों रुपये की वसूली कर अपात्रों को नौकरी पर रख लिया गया. 20 से ज्यादा महिलाओं ने भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायतें प्रशासन से की थी। कुरारा थाना क्षेत्र के पतारा गांव की सुदामा देवी ने बीते माह डीएम के सामने पेश होकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में अवैध वसूली किए जाने की शिकायत की थी। आरोप है कि सभी जरूरी दस्तावेज सही पाए जाने के बाद रिश्वत न देने के कारण अपात्र कर दिया गया। इतना नहीं डिपार्टमेंट में भर्ती प्रक्रिया में जमकर धांधली की गई है। चयनित अभ्यर्थियों की सूची तक चस्पा नहीं कराई गई।
एक लाख 70 हजार रुपए की मांग करते हुए एक आडियो भी सामने आया था. इसमें विभाग के लिपिक पवन कुमार का नाम आया था. प्रशासन ने पूरे प्रकरण की जांच कराने का फैसला किया।
प्रशासन की जांच रिपोर्ट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, लिपिक और अन्य कर्मचारी दोषी पाए गए. इस प्रकरण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अर्चना पाल को बर्खास्त किया गया । वहीं जिला कार्यक्रम विभाग के कनिष्क लिपिक पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है।
प्रशासन की जांच रिपोर्ट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, लिपिक और अन्य कर्मचारी दोषी पाए गए. इस प्रकरण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अर्चना पाल को बर्खास्त किया गया । वहीं जिला कार्यक्रम विभाग के कनिष्क लिपिक पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। वही जिला कार्यक्रम अधिकारी(डीपीओ) शैलेंद्रसिंह, सीडीओपी प्रीति बीलवाडे, सुपरवाइजर कामिनी पाल पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर ने बाल विकास एवं पुष्टाहार यूपी के निदेशक को संस्तुति पत्र भेजा हैं.
