राजनीति

न जोश, न जयघोष। ठंडा रहा पटना में मोदी का रोड शो

प्रदेशवार्ता. तैयारी ऐसी थी कि जंग में जीत के लिए पटनावासी सड़कों पर उमड़ पड़े। बुलंद नारों के बीच जब मोदी गुजरें तो लोग जय हिंद और उनका शुक्रिया साथ-साथ अदा करें। मगर आज का पीएम मोदी का रोड शो काफी ठंडा रहा। इंडिया टुडे से जुडे वरिष्ठ पत्रकार पुष्य मित्र बताते है मैंने बेली रोड में शेखपुरा मोड़ से पंत भवन तक का सफर बस लोगों को देखने के लिए किया था। कुछ चौराहों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर जगहों पर लोगों की संख्या सामान्य रही। कहीं-कहीं तो बिल्कुल भीड़ नहीं थी। तस्वीरों में दिखेगा।
पार्टी की तरफ से कुछ जगहों पर स्टेज बनाकर जयघोष जरूर किया जा रहा था, फूल भी बरसाने का इंतजाम किया गया था। मगर इन स्टेजों से दूर माहौल बिल्कुल ठंडा था। लोग बस मोदी को देखना चाहते थे। फोटो लेना चाहते थे।
भीड़ में दोनों तरह के लोग थे, बुलाए गए लोग भी और खुद अपनी इच्छा से पहुंचे लोग भी। कुछ लोग जो मोदी के घनघोर प्रशंसक थे वे सपरिवार पहुंचे थे। कुछ लोगों को बुलाकर हाथों में तख्तियां पकड़ा दी गई थीं। जो लोग खुद पहुंचे थे उनमें भी युद्ध की चर्चा नहीं थी।
देखकर लौटने वाले बस मोदी के रंग रूप की चर्चा करते रहे। ऐसा नहीं लगा कि एक विजयी राष्ट्र के नायक का जनता स्वागत कर रही है।
संभवतः इसी ठंडे रिस्पॉन्स की वजह से मोदी एक बार भी अपनी कार से बाहर नहीं निकले। जबकि अमूमन रोड शो में वे बाहर निकलना पसंद करते हैं।
हां, पुलिस ने जबरदस्त बेरीकेडिंग की थी। जिससे बेली रोड के दक्षिण तरफ के लोगों को काफी दिक्कतें हुईं। उत्तर में कई वैकल्पिक रास्तों की वजह से ज्यादा परेशानी नहीं हुई।
कुल मिलाकर यह रोड शो बीजेपी की उस जरूरत को पूरा करता नहीं दिखा जिसकी अपेक्षा उसके प्रदेश कार्यालय पर लगे पोस्टरों में और तैयारियों में की गई थी। खर्च तो बहुत हुआ, मगर नतीजा वैसा नहीं रहा। लोगों में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जब अभी कोई क्रेज नहीं तो फिर चुनाव तक तो लोग भूल ही जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button