प्रदेशवार्ता. बिजली उपभोक्ताओं पर फिर से महंगी बिजली का भार पडने वाला हैं. मप्र उन राज्यों में शुमार हैं जहां पहले से ही बिजली के दाम अधिक है. लेकिन इस बात से बिजली कंपनियों को कोई फर्क नहीं पडता है. बिजली कंपनिया 7.52 प्रतिशत वृध्दि का प्रस्ताव बनाकर बैठ गई है. एमपी में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 7.52% की टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। इसका मुख्य कारण बिजली की अधिकता के चलते अतिरिक्त ऊर्जा को वापस लेने की लागत है। डिस्कॉम का कहना है कि उन्हें लगभग 1,446 करोड़ यूनिट बिजली वापस लेनी पड़ेगी, जिसकी कीमत 2000 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा है। यह बोझ अंततः उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगा। डिस्कॉम ने अपने एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट (एआरआर) याचिका में यह जानकारी दी है। एआरआर याचिका में डिस्कॉम ने बताया कि ओपन एक्सेस के कारण वापस ली जाने वाली बिजली की कीमत लगभग 1.44 रुपये प्रति यूनिट है। इस हिसाब से 1,446.4 करोड़ यूनिट बिजली के लिए डिस्कॉम को लगभग 2,082 करोड़ रुपये नियत शुल्क के रूप में चुकाने होंगे। यह राशि अंततः बढ़ी हुई बिजली दरों के रूप में उपभोक्ताओं से वसूली जाएगी। इससे पहले से ही महंगी बिजली का बोझ झेल रहे उपभोक्ताओं पर और दबाव पड़ेगा।
