प्रदेशवार्ता. पुलिस की सक्रियता से सतवास में दो नाबालिग बच्चियों का विवाह रूक गया. 15 और 16 की इन बेटियों का विवाह रूकवाने के साथ ही पुलिस ने बेटियों को पढाने लिखाने और काबिल बनाने की सीख दी. सख्त हिदायत दी कि जब तक बालिग न हो जाए विवाह न करे. समझाया कि अभी बेटियों को स्कूल भेजे. देवास पुलिस जहां अपराध पर लगाम कस रही है वहीं सामाजिक कुरितियों को खत्म करने पर भी नजर हैं. हालाकि पुलिस के कारण बाल विवाह तो रूक गया लेकिन अन्य विभाग सवालों के घेरे में हैं. खासकर महिला बाल विकास विभाग. इस विभाग के पास आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं का पूरा कैडर मौजूद हैं लेकिन इसके बाद भी विभाग को बाल विवाह की सूचना नहीं मिल पाती. विभाग हर साल केवल औपचारिकता पूर्ण करता हैं.
थाना सतवास के अर्न्तगत ग्राम मालागांव से 29 अप्रैल को थाना सतवास की डायल 100 पर एक सूचना मिली कि ग्राम मालागांव मे संतोष लोंगरे नाम का व्यक्ति अपनी दो नाबालिग बेटियों एक 16 साल व दूसरी 15 साल का विवाह कर रहा है. डायल 100 द्वारा थाना प्रभारी बीडी बीरा को अवगत कराया गया. थाना प्रभारी द्वारा एफआरवी 05 में उपस्थित सैनिक गणेश देवडा, पायलेट अर्जुन देवडा व थाने पर उपस्थित स्टाफ सउनि विष्णुप्रसाद मंडलोई, प्रआर रवि राव जाधव व कामिनी जाट को रवाना किया. सूचना तहसीलदार हरिओम ठाकुर सतवास को दी गई तथा महिला बाल विकास अधिकारी सपना शुक्ला कन्नौद को भी अवगत कराया गया, जिनके द्वारा महिला एवं बाल विकास कन्नौद से सुपरवाइजर अमृता मर्सकोले , नीलम नामदेव, व शिन्दी भागौर को भेजा गया. टीम ने संतोष लोंगरे व उसके परिवारजन को समझाया. बाद बाल विवाह रूकवाया और समझाइस दी कि जब लडकिया बालिग हो तब विवाह करे, तब तक इन्हें स्कूल भेज कर पढाई करवाए और बिना अनुमति के विवाह न करें. बाल विवाह रूकवाने में बीडी बीरा थाना प्रभारी सतवास, रेडियो निरीक्षक करण ठाकुर, सउनि विष्णुप्रसाद मंडलोई, प्रआर. रवि राव जाधव, मआर. कामिनी जाट, सैनिक गणेश देवडा व डायल 100 पायलेट अर्जुन देवडा का सराहनीय योगदान रहा.
