प्रदेशवार्ता. माओवादियों और सुरक्षा जवानों में मप्र के जंगल क्षेत्र में शनिवार सुबह मुठभेड़ हो गई. जवान जंगल में सर्जिंग पर निकले थे, सुरक्षा जवानों की जंगल में उपस्थित की आहट पाकर माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई के बाद माओवादी भाग निकले. कुछ माओवादियों को गोली लगने की खबर है. माओवादियों से सुरक्षा जवानों की जंगल में ये मुठभेड मप्र के बालाघाट में हुई हैं. मप्र और छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित है झुलनापाठ. झुलनापाठ के जंगल में हाकफोर्स और कोबरा बटालियन के जवानों ने सर्चिंग की थी. तभी शनिवार को सुबह 9 बजे के आसपास मुठभेड शुरू हो गई. माओवादियों ने अपनी तरफ से फायरिंग शुरू की तो जवानों ने भी जोरदार जवाब दिया. जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद माओवादी भाग निकले. माओवादी छत्तीसगढ़ के थे. मप्र की सीमा करीब होने का फायदा उठाते हुए घुस आए थे. छत्तीसगढ़ में अभी माओवादियों के खिलाफ बडा अभियान चल रहा हैं. उस अभियान से बचने के लिए माओवादियों ने बार्डर क्रास की और मप्र सीमा के जंगल में आ गए थे. बालाघाट के पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने मुठभेड़ की घटना की पुष्टि की है। उन्होंने मुठभेड़ में माओवादियों के मारे जाने की बात से इनकार किया है, लेकिन ये स्पष्ट किया है कि जंगल में मुठभेड़ हुई है और मौके पर हाकफोर्स और कोबरा बटालियन के जवान तैनात हैं. केंद्र सरकार ने अगले साल तक देश को माओवाद से मुक्त करने का निर्णय लिया है। ऐसे में मध्य प्रदेश में भी उनके छिपने के संभावित ठिकानों पर लगातार सर्चिंग की जा रही
