क्राइम

मानसिक प्रताडना से तंग आकर आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता ने दी जान

प्रदेशवार्ता. आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता ने आखिरकार अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. घर वालों ने बेटी को फांसी के फंदे पर लटका देखा तो बदहवास हो गए. अब पुलिस की लापरवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं. अगर पुलिस पूरे मामले को गंभीरता से लेती तो ये दुखद स्थिति नहीं बनती.
ग्वालियर के छावनी थाना क्षेत्र के गंगा मालनपुर की रहने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता जब अपने केंद्र से घर पहुंची तो सीधे अपने रूम में चली गई. रूम के अंदर युवती फांसी पर लटक गई. 22 वर्षीय युवती डिप्रेशन में थी, जिसके चलते उसने इतना बडा कदम उठा लिया. घटना शनिवार की हैं. युवती को फंदे पर लटका देख घरवालों के होश उड गए, फंदे से उतारकर निजी अस्पताल में इलाज के लिए लेकर गए लेकिन युवती की जान नहीं बची. जिंदगी. मौत के बीच झूलते युवती ने आखिरकार दम तोड दिया. पुलिस ने शव को पीएम के लिए भिजवाया. घरवालों ने बताया कि युवती को मनीष कुशवाहा नाम का व्यक्ति परेशान करता था. पिछले छह माह से उसकी छेडछाड की आदत से आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता परेशान थी. 15 दिन पहले युवती ने परिजन के साथ थाने जाकर रिपोर्ट भी लिखाई थी, लेकिन राजीनामा करा दिया गया था. मनीष कुशवाहा इसके बाद भी नहीं माना और अपनी हरकतें नहीं छोडी. आखिरकार युवती ने दुनिया को ही अलविदा कह दिया.

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