प्रदेशवार्ता. लिखित अनुबंध करके सरपंच ने पूरी ग्राम पंचायत ठेके पर दे दी. इसके लिए दोनों पक्षों में करार हुआ, कुछ शर्ते तय हुई और डील पर मुहर लग गई. ग्राम पंचायत के कुछ काम ठेके पर जरूर जाते हैं. इस बार मामला अलग था, पूरी ग्राम पंचायत ही सरपंच ने ठेका अनुबंध करके दे दी.
जनपद पंचायत गुना के अतंर्गत आने वाली ग्राम पंचायत करोद ठेके पर चली गई. सरपंच ने पंचायत का संचालन ठेके पर दे दिया. सरपंच लक्ष्मी बाई और पंच रणवीरसिंह कुशवाह के बीच एक करार 28 नवंबर 2022 को किया गया. इस करारनामे को पुख्ता कराने के लिए इसकी नोटरी भी कराई गई. 100 रुपए के स्टाम्प वाले शपथ पत्र जो करारनामा हुआ उसके बाद पंच रणवीरसिंह कुशवाह को ग्राम पंचायत ठेके पर मिल गई. जो शर्ते इनमें रखी गई थी उसमें एक ये थी कि सरपंच का बीस लाख रुपए का कर्ज ठेका लेने वाला चुकाएगा. जो भी निर्माण कार्य ग्राम पंचायत द्रारा कराया जाएगा उसकी लागत का पांच प्रतिशत कमिशन सरपंच को भी मिलेगा. सब कुछ ठेके पर चल रहा था, इसी बीच अप्रैल माह में ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के ठेके पर जाने की शिकायत जनपद पंचायत में कर दी. इसके बाद जांच बैठ गई. जांच की रिपोर्ट जिला पंचायत के सीईओ को भेजी गई. जिला पंचायत सीईओ ने जनपद पंचायत को प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिए. 13 मई को जनपद पंचायत के पत्र के आधार पर 17 मई को कैंट थाने पर एफआईआर दर्ज कर ली गई. पुलिस ने जपं गुना के समन्वयक सुनील खालको की शिकायत पर रणवीरसिंह कुशवाह के खिलाफ धारा 420, 419 और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा(8) के तहत मामला दर्ज किया.
