प्रदेश

हाई कोर्ट का अहम फैसला.. म.प्र. वक्फ बोर्ड की कृषि भूमि लीज नीलामी पूरी तरह वैध, नीलामी रोकने वाली याचिका खारिज

प्रदेशवार्ता. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 22 मई को एक महत्वपूर्ण आदेश देकर वक्फ बोर्ड द्रारा की जा रही कृषि भूमि लीज नीलामी को पूरी तरह वैध बताया हैं. न्यायालय की खंड पीठ जिसमें न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति विवेक जैन शामिल थे, ने एक महत्वपूर्ण फैसले में वक्फ कृषि भूमि की लीज नीलामी को लेकर दायर जनहित याचिका को “निराधार और अस्वीकार्य” ठहराते हुए खारिज कर दिया। यह याचिका अमीर आज़ाद अंसारी व अन्य द्वारा दायर की गई थी।
याचिका में दो मुख्य आपत्तियां उठाई गई थीं पहली, कि वक्फ बोर्ड के आदेश पर हस्ताक्षर करने वाली मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. फरज़ाना ग़जाल पूर्णकालिक सीईओ नहीं हैं, जो कि वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 23 के खिलाफ है।
दूसरी, कि 1994 के एक पुराने परिपत्र के अनुसार वक्फ संपत्ति की नीलामी केवल मुतवल्ली द्वारा की जा सकती है, बोर्ड द्वारा नहीं।
इन दोनों दलीलों को पूर्णतः निराधार मानते हुए कहा कि वैसे तो याचिकाकर्ता के वकील ने अस्थाई शब्द से खेलने की कोशिश की मगर अस्थाई यानी temprery या for the time being ko सही संदर्भ में पढ़ा जाए तो डॉ. फरज़ाना ग़ज़ल वक्फ अधिनियम की धारा 23 के प्रावधानों अनुसार एक मुस्लिम महिला, उप सचिव स्तर से उच्च स्तर की अधिकारी हैं, और इनकी सेवाएं उच्च शिक्षा विभाग से पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण विभाग में तीन वर्षों के लिए तीन डिपुटेशन पर ली गई हैं फिर सरकार ने उन्हें वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का उत्तरदायित्व सौंपा है। उनके नियुक्ति आदेश में अस्थाई शब्द सीमित अवधि तीन वर्षों के के संदर्भ में उपयोग किया गया है इससे अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन नहीं माना जा सकता है। अतः उन्हें पूर्णकालिक सीईओ न मानने का कोई आधार नहीं है।
दूसरे बिंदु पर अदालत ने दो टूक कहा कि 1994 का परिपत्र अब मान्य नहीं है क्योंकि उसे 2014 के वक्फ संपत्ति लीज नियमों ने प्रतिस्थापित कर दिया है। इन नियमों के अनुसार वक्फ संपत्तियां अब बोर्ड अथवा मुतवल्ली, दोनों द्वारा लीज पर दी जा सकती हैं।
इनका कहना… इस याचिका के खारिज होने से वक्फ बोर्ड के कामों को प्रमाणिकता मिली हैं।
हम अदालत की दृढ़ता को सलाम करतें है.
यह आदेश इस बात का भी सशक्त उदाहरण है कि, कैसे न्यायपालिका जनहित के नाम पर दायर दुर्भावनापूर्ण याचिकाओं से, नियमानुसार और कानून के मुताबिक संस्थाओं को संचालित करने वाले जनसेवकों की रक्षा करती है ‘
डॉ सनवर पटेल
अध्यक्ष – म.प्र. राज्य वक्फ बोर्ड.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button