प्रदेशवार्ता. किसान खेत को आग के हवाले न करे, इसके लिए पिछले छह माह से देवास जिले में भी जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा था. जिलेभर के किसान को जागरूक करने का काम देवास का कृषि विज्ञान केंद्र करता हैं. गेहूं की फसल कटते ही खेत समतल मैदान बन गए. हर बार की तरह किसानों ने गेहूं की फसल के बचे अवशेषों को जलाया. भीषण गर्मी में खेत की लपटे राहगीरों को भी परेशान करती हैं, लेकिन क्या करें. दूरदराज की बात छोड दी जाए, हाइवे से लगे खेतों में ही जमकर नरवाई जल रही हैं. यही हाल देवास शहर के नजदीक के खेतों का भी हैं, यहां भी नरवाई जलाई जा रही. हालत ये है कि खेत का जला कचरा तेज हवा में लोगों के घर तक पहुंच रहा हैं. हालाकि अब कृषि विभाग कुछ जगह सख्ती दिखा रहा हैं लेकिन ये कार्रवाई भी काफी देर से शुरू की गई हैं. कुछ किसानों पर जुर्माना और कुछ पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. सवाल कृषि विज्ञान केंद्र की सक्रियता पर भी हैं. इतने बडे पैमाने पर इस साल भी नरवाई जलाई जा रही है, जो बता रही है कि जागरूकता कार्यक्रम में सुधार की जरूरत हैं. खुद कृषि विज्ञान केंद्र के नजदीक का खेत फूंक दिया गया. पडोसी किसान ही नरवाई जलाने के नुकसान समझ नहीं सके.
