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लैंड पुलिंग एक्ट मॉडल कृषक और कृषि दोनों के लिए घातक.. ये किसान को भूमिहीन बनाने की साजिश

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री केे नाम देवास कलेक्टर को दिया ज्ञापन
प्रदेशवार्ता. राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने किसानों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर जिलाध्यक्ष गगनसिंह पटेल के नेतृत्व में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर ऋतुराजसिंह को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि प्रदेश में कृषि भूमि पर लैंड पुलिंग एक्ट का जो मॉडल लागू किया गया है यह पूर्ण रूप से कृषक और कृषि दोनों के लिए घातक है, मौत का फरमान है, इसे कृषक हित में दिखाकर अन्नदाता को भूमिहीन बनाने की साजिश मात्र है, इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। प्रदेश में जहां भी किसान की जमीन अधिग्रहित की जाए उसका बाजार भाव से चार गुना मुआवजा प्रदान किया जाए। उज्जैन सिहस्थ क्षेत्र में सिहस्थ मेला संचालित करने हेतु लैंड पूलिंग एक्ट के अंतर्गत जमीन अधिग्रहण की जा रही है जो सर्वथा गलत है। सिहस्थ मेला आदिकाल से संचालित होता आ रहा है। अभी तक पूर्व में जिस तर्ज पर सिहस्थ महा आयोजन हेतु जमीन अधिग्रहित की जा रही थी उसी तर्ज पर अधिग्रहण किया जाए। वर्तमान रबी सीजन की फसलों की शासकीय उपार्जन अंतर्गत पूर्ण खरीदी नहीं हुई है, जिन किसानों की फसल खरीदी हो चुकी है उन्हें भी अपनी फसल का अभी पर्याप्त भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में शासकीय व्यवहार पर शून्य प्रतिशत ब्याज की तारीख को निर्धारित अवधि से कम से कम 45 दिन आगे बढ़ाया जाना अति आवश्यक है। जब तक किसान को उसकी फसल का भुगतान प्राप्त नहीं होगा वह कैसे कर्ज अदा कर पाएगा, विगत वर्षों में भी यह अवधि आवश्यकता अनुसार बढ़ाई जाती रही है। राजस्व विभाग में नामांतरण, बटवारा, इंद्राज दुरुस्ती के कई प्रकरण विधिक कार्रवाई के अभाव में पेंडिंग पड़े हैं। जिसमें राजस्व अधिकारियों की मिली भगत के कारण किसान परेशान होकर व्यर्थ के खर्चे से लूट रहा है। सरकार प्राथमिकता से ऐसे प्रकरणों का निकाल शीघ्र अति शीघ्र करे। शासन और प्रशासन नेे नरवाई नहीं जलाने के लिए जो एक तरफा आदेश किया है उससे हम संतुष्ट नहीं है। इसके लिए शासन प्रत्येक गांव में प्रयोग के तौर पर एक खेत को गोद ले और उसकी नरवाई नष्ट कर आगामी सोयाबीन की फसल उत्पादित करे. अगर प्रयोग सफल होता है व उत्पादन पर कोई असर नहीं पडता है तो हम भी नरवाई नहीं जलाने के आदेश का पालन करेंगे, तब तक (प्रयोग की अवधि) इस आदेश में शिथिलता लाकर किसानों पर अर्थदण्ड व कार्रवाई नहीं की जाए। उक्त चारों बिंदुओं का उचित समाधान मध्यप्रदेश शासन शीघ्र करें अन्यथा अन्नदाता को धरना आंदोलन हेतु विवश होना पड़ेगा. जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस अवसर पर त्रिलोक गोठी, लालसिंह बागवान, हरिसिंह, सलीम भाई, प्रभुसिंह, खुमानसिंह, भगवानसिंह गुर्जर, भारतसिंह कुमावत, शुभम कुमावत, बाबूलाल गुर्जर सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। उक्त जानकारी जिला मीडिया प्रभारी संदीप प्रजापति ने दी।

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