प्रदेशवार्ता. मप्र के आईएएस अधिकारी डा. नागार्जुन बी. गौडा सवालों से घिरे हैं. सूचना के अधिकार में किसी ने खुलासा कर दिया कि एक कंपनी पर 51 करोड रुपए का जुर्माना लगा था, जिसे गौडा ने घटाकर 4032 रुपए कर दिया. कहा जा रहा है कि इस फैसले से राज्य सरकार को करोडों रुपए की चपत लग गई. हालाकि गौडा ने आरोपों को खारिज किया हैं. वे कहते है कि फैसला कानूनी दस्तावेज के आधार पर लिया गया था.
डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। वे आईएएस 2019 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2018 में ऑल इंडिया रैंक 418 हासिल की थी। खास बात यह है कि उनकी पत्नी सृष्टि जयंत देशमुख ने इसी परीक्षा में AIR 5 प्राप्त की थी। दोनों की शादी 22 अप्रैल 2022 को हुई थी। शादी के बाद, नागार्जुन गौड़ा ने मणिपुर कैडर से मध्य प्रदेश कैडर में ट्रांसफर लेने के लिए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) से अनुमति प्राप्त की थी। यह ट्रांसफर उन्होंने अपनी पत्नी सृष्टि के मध्य प्रदेश कैडर में होने के कारण लिया था, ताकि वे साथ रह सकें।
अब बात करते है जुर्माना घटाने के पूरे मामले की. ये बात है 2023 की, ये मामला हरदा में तब शुरू हुआ जब तत्कालीन अपर कलेक्टर प्रवीण फूलपगारे ने पाथ इंडिया नाम की सड़क निर्माण कंपनी पर बडी कार्रवाई की. कंपनी पर आरोप था कि उसने बिना किसी अनुमति के 3.11 लाख घन मीटर मुरम मिट्टी की खुदाई कर ली थी। इस गंभीर उल्लंघन के चलते कंपनी पर 25.83 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया। साथ ही, पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए उतनी ही राशि, यानी 25.83 करोड़ रुपए, पर्यावरण क्षति शुल्क के तौर पर भी वसूले जाने का आदेश दिया गया। इस तरह, कंपनी को कुल 51.67 करोड़ रुपए का भारी-भरकम नोटिस जारी किया गया था।
इसके बाद प्रवीण फूलपगारे का तबादला हो गया. डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा ने हरदा में अपर कलेक्टर का पद संभाला. गौडा के पद संभालते ही तस्वीर बदल गई. गौडा ने इस मामले की सुनवाई की और अपने आदेश में कहा कि कंपनी ने केवल 2688 घन मीटर ही अवैध खुदाई की थी। इस आधार पर, उन्होंने कंपनी पर मात्र 4032 रुपए का मामूली जुर्माना लगाया। यह फैसला आरटीआई कार्यकर्ता आनंद जाट के खुलासे के बाद सामने आया, जिन्होंने दस्तावेजों के आधार पर इस पर सवाल उठाए।
