प्रदेशवार्ता. मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कल ही अफसरों से कहा था कि वो फिल्ड की विजिट करे, वास्तविक स्थिति को पहचाने. लगता है महिला बाल विकास विभाग के अफसरों को सीएम के संदेश से नसीहत लेकर सीखना चाहिए. विभाग के अफसरों की एक बडी गडबडी सामने आई है. एक. दो नहीं बल्कि सैकडों उन आंगनवाड़ी केंद्रों पर एलईडी टीवी और आरओ फिल्टर लगा दिए जहां बिजली कनेक्शन ही अभी तक नहीं किए गए. ये महंगे उपकरण अब शो. पीस बनकर रह गए हैं.
मप्र के उमरिया जिलें में आंगनवाड़ी आधुनिकीकरण के नाम पर लापरवाही सामने आई हैं. उमरिया जिले में 786 आंगनवाड़ी केंद्र इस समय चल रहे हैं. अब इनमें से 116 को उठाकर सक्षम का दर्जा दे दिया. जिन 116 आंगनवाड़ी केंद्रों को ये दर्जा मिला वहां बिजली तक नहीं हैं. विभाग ने अभी तक इन केंद्रों पर बिजली कनेक्शन तक नहीं कराया. सक्षम का दर्जा दिलाकर विभाग के अफसरों ने इन केंद्रों पर एलईडी टीवी और वाटर फिल्टर बंटवा दिए. अब सवाल उठ रहे है कि बिजली नहीं थी तो इन उपकरणों को क्यों पहुंचाया गया. अभी उमरिया में जो 786 आंगनवाड़ी केंद्र चल रहे है इनमें से महज 322 केंद्रों पर ही बिजली कनेक्शन हैं. बाकी आंगनवाड़ी केंद्रों पर अभी तक बिजली नहीं पहुंची हैं. अफसरों की अंधेरगर्दी इतनी है कि जिन 116 केंद्रों पर बिजली नहीं है उन्हें भी आनन फानन में सक्षम आंगनवाड़ी घोषित कर दिया.
उमरिया जिले में भी सरकार की सक्षम आंगनबाड़ी मिशन और पोषण कार्यक्रम 2.0 चलाया जा रहा है। इसके तहत जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें पोषण आहार के साथ-साथ प्राइमरी एजुकेशन दिलाया जाना है। इसके लिए एलईडी टीवी लगाई गई है। साथ ही बच्चों को स्वच्छ पानी पानी मिले, इसके लिए वाटर फिल्टर सेट दिया गया है। अब ये बात अलग है कि बिना बिजली के ये महज शोपीस बनकर ही रहेंगे.
