तो आज नवंबर के महीने का पहला मंगलवार है अमेरिका की सियासत का सबसे अहम दिन । आज तस्वीर साफ हो जाएगी कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा ?
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुछ घंटों में वोटिंग शुरू होने वाली है जिस पर पूरी दुनिया की नजर है ।
अब तक के सर्वे की माने तो डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुकाबला पूरी तरह 50-50 वाला है । यही वजह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव दिलचस्प हो चुके हैं, भारतीय समयानुसार आज शाम करीब 5:30 पर अमेरिका में वोटिंग शुरू हो जाएगी।
इस चुनाव में कमला हैरिस द्वारा उठाए गए मुद्दों में
- बढ़ती लागत के साथ जीवन यापन करना (Coping with the rising cost of living)
- गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करना (Supporting reproductive rights and access to safe abortion)
शामिल है जबकि रिपब्लिकन उम्मीदवार
ट्रंप के मुद्दे अवैध आव्रजन से निपटना और मुद्रास्फीति को समाप्त करना (Addressing illegal immigration and eliminating currency inflation.)
है ताकि अमेरिका को फिर से किफायती बनाया जा सके।
अमेरिका के चुनाव में विजेता वह नहीं होता जिसे ज्यादा वोट मिलते हैं, दोनों ही उम्मीदवार पहले वहां के 50 राज्यों में आयोजित चुनाव को जीतने की प्रति स्पर्धा करते हैं ।
और प्रत्येक राज्य में निर्वाचक मंडल के वोटों की एक निश्चित संख्या होती है जो जनसंख्या पर आधारित होती है कुल 538 सीटों के लिए चुनाव होने हैं और विजेता वह उम्मीदवार होगा जिसे 270 से अधिक वोट मिलेंगे।
और जिसे अधिक वोट मिलेंगे उसे उसके निर्वाचक मंडल के सभी वोट दे दिए जाते हैं ।
यह भी संभव होता है कि कोई उम्मीदवार राष्ट्रीय स्तर पर सारे वोट जीत ले (जैसा की 2016 में हिलेरी क्लिंटन ने किया था) लेकिन वह फिर भी हार जाए।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- प्राइमरी चुनाव (जनवरी से जून): राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों का चयन करते हैं।
- राष्ट्रीय कन्वेंशन (जुलाई से अगस्त): दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा करते हैं।
- चुनाव अभियान (सितंबर से नवंबर): उम्मीदवार चुनाव प्रचार करते हैं।
- चुनाव दिन (नवंबर का पहला मंगलवार): मतदाता अपने वोट डालते हैं।
- इलेक्टोरल कॉलेज वोट (दिसंबर): इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए वोट डालते हैं।
- राष्ट्रपति की शपथ (जनवरी 20): नवनिर्वाचित राष्ट्रपति शपथ लेते हैं।
यदि राष्ट्रपति बदल जाता है । (क्यों कि वहां एक प्रत्याशी अधिकतम दो बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है) तो चुनाव के बाद के समय को संक्रमण काल के रूप में जाना जाता है।
इससे नए प्रशासन को कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति करने और नए कार्यकाल के लिए योजना बनाने का समय मिलता है अगले साल 20 जनवरी को राष्ट्रपति को आधिकारिक तौर पर जनवरी में वॉशिंगटन डीसी में कैपिटल बिल्डिंग की सीढ़ियों पर आयोजित एक समारोह में शपथ दिलाई जाती है जिसे उद्घाटन समारोह कहा जाता है। साभार रश्मि त्रिपाठी