प्रदेशवार्ता. एक व्यक्ति ने घोटालों की भी नई इबारत लिख दी. पिछले नौ साल से स्वास्थ्य विभाग में मजे से नौकरी चल रही थी. अकेला व्यक्ति अलग. अलग छह जिलों में नौकरी करता रहा और हर माह उसे वेतन भी मिलता रहा. छह जिलों में नौकरी कर वेतन के रूप में तीन करोड से अधिक की कमाई की. अब मामला खुला तो सरकार भी सकते में आ गई. सीएम के निर्देश के बाद केस दर्ज किया गया. उत्तरप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में अर्पित सिंह नाम का शख्स, पिता अनिल कुमार सिंह, पता प्रताप नगर शाहगंज, आगरा एक ही पहचान के साथ 6 जिलों में 9 साल तक नौकरी करता रहा. अलग-अलग आधार नंबर पर तीन करोड़ से ज्यादा की सैलरी निकाल ली और सिस्टम को भनक तक नहीं लगी. हर जगह वही नाम, वही पिता और वही पता. लेकिन आधार नंबर अलग-अलग. साफ है कि फर्जी आधार कार्ड के सहारे यह जालसाजी रची गई थी. 2016 में एक्स-रे टेक्नीशियन की 403 भर्ती हुई थी. नौ साल तक सब सामान्य रहा. लेकिन हाल ही में जब विभाग ने मानव संपदा पोर्टल से मिलान किया तो खुलासा हुआ कि एक ही शख्स अलग-अलग जगहों पर नौकरी कर रहा है. गडबडी सामने आने पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लखनऊ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा डीजी स्तर से चयनित कैंडिडेट्स का फिर से वेरीफिकेशन कराया जा रहा है. अगर औसतन देखा जाए तो एक एक्स-रे टेक्नीशियन को करीब 50 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है. ऐसे में 1 साल में कुल 6 लाख रुपए ले चुका है. इस तरह नौ साल में 54 लाख रुपए हुए. छह अलग-अलग जिलों में अर्पित सिंह नौकरी करते रहे तो कुल रकम निकलकर आई 3 करोड़ 24 लाख रुपए. यानी सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए की चपत लगी और विभाग को भनक तक नहीं लगी.
