प्रदेशवार्ता. इंदौर रोड पर बने फ्लाईओवर ब्रिज को दुर्घटनाओं के कारण बंद कर दिया गया था। तथा इस ब्रिज पर डिवाईडर बनाए गए है। सोमवार को एबी रोड पर स्थित ब्रिज की सुरक्षा का जायजा लेने के लिए मेनिट भोपाल की टेक्निकल टीम ने निरीक्षण किया। जब यह टीम निरीक्षण करने आई तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पं. रितेश त्रिपाठी एवं प्रदीप चौधरी ने टेक्निकल टीम से प्रश्न किए कि ब्रिज का स्थान परिवर्तन किसके आदेश पर किया गया तथा वर्तमान में जो डिवाइडर बनाए गए हैै उसकी न तो तकनीकी स्वीकृति हुई है और न ही प्रशासकीय स्वीकृति हुई है। पूर्व में जिस स्थान पर ब्रिज बनना था वहां पर दो घुुमाव आते है इसलिए वाहन की गति कम हो जाती तो इस चौड़ाई का ब्रिज वहां बनना उचित था। परंतु बिना सक्षम अधिकारी के आदेश से स्थान परिवर्तन तो कर दिया गया लेकिन ब्रिज की डिजाइन पूर्व स्थल के हिसाब से ही रखी गई, दो किलोमीटर सीधा ब्रिज बनने से वाहन की गति तेज हो जाती है और इसी कारण से अधिक दुर्घटनाएं हो रही है, अगर इस स्थान पर ब्रिज बनाना था तो उस ब्रिज की चौड़ाई अधिक रखी जाना चाहिए थी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विधायक द्वारा जो सर्वे करवाया गया है उस सर्वे एजेंसी का नाम व उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए, जिससे पता चल सके कि जिस स्थान पर पर्याप्त चौड़ाई में पूर्व से सड़क और सर्विस रोड थी वहां पर ब्रिज बनाने की सिफारिश किसने की है। कांग्रेस नेताओं ने कार्यपालन यंत्री श्री पंत से कहा कि इन प्रश्नों का उत्तर हमें दिया जाए लेकिन श्रीपंत ने कोई उत्तर नहीं दिया। भोपाल से आए अधिकारियों से कहा कि 100 करोड़ की लागत से ब्रिज बना है इस धनराशि का दुरूपोग हुआ है क्योंकि तकनीकी रूप से भी यह ब्रिज आवागमन के लायक नहीं है। आप अपनी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख करें कि इसमें तकनीकी खामियां हैं जिससे शासन जिम्मेदारी तय कर सके।
