प्रदेशवार्ता. शासन द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि बगैर पीयूसी (प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र) के संचालित हो रहे वाहनों के विरूद्ध सख्त रवैया अपनाते हुए ऐसे वाहनों की विशेष जांच करें। इस संबंध में विगत दिवस जिला सड़क सुरक्षा समिति में कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने निर्देश दिए कि जिले में संचालित हो रही समस्त वाहनों की पीयूसी जांच की जांच की जाए। जिला परिवहन अधिकारी निशा चौहान ने बताया कि पीयूसी जांच के लिए परिवहन विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा जिले में संचालित वाहनों की जांच की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि बिना पीयूसी मार्ग पर संचालित होने वाले वाहनों पर मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 190 (2) में शमन शुल्क वसूला जाएगा। उन्होंने बताया कि समस्त प्रकार के गैर व्यावसायिक 1000 रुपए शमन शुल्क, सभी प्रकार के व्यावसायिक 5000 रुपए शमन शुल्क निर्धारित किया गया है। उक्त कार्यवाही पश्चात अगर कोई वाहन स्वामी बिना पीयूसी के वाहन का संचालन करता है तो द्वितीय बार पीयूसी चालान बनने पर शमन शुल्क 10000 रुपए लिया जाएगा। जिला परिवहन अधिकारी ने समस्त वाहन स्वामियों से अपील की है कि वे अपनी-अपनी वाहनों का पीयूसी चेक करवाकर प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र अवश्य बनवा लें।




