प्रदेशवार्ता. पुरुषों की सबसे बडी कमजोरी उसके जाते बाल होते हैं. जब ये टाटा बाय बाय करके विदाई लेना शुरू करते हैं तो अधिकांश पुरुष तनाव में आ जाते हैं. सिर की खेती के उतरने को वे स्वीकार नहीं कर पाते. पुरुषों की इस कमजोरी का फायदा आज भी तेल कंपनिया उठा रही हैं. इसी कमजोरी को भुनाने के लिए बाजार में कई आदिवासी तेल भी मौजूद हैं जो दावा करते है कि सैकडों जडी बुटियों से बने हैं. उप्र के मेरठ शहर में तीन लोगों सलमान, समीर और इमरान ने लोगों को कुछ ऐसा ही सपना दिखाया. इन तीनों ने शहर के अंदर दस दिन तक खूब प्रचार प्रसार करवाया की उनके पास एक खास तरह की दवाई और तेल हैं जो गंजों के सिर पर बाल वापस लेकर आ जाएगी. इस प्रचार पर गंजे होते लोगों ने खूब तव्वजों दी, ध्यान से सुना. जोरदार प्रचार में दवाई लगाने और तेल देने के लिए दो दिन का आयोजन एक हाल में रखा गया था, जहां लोगों को पता देकर बुलाया गया था. प्रचार ने लोगों का विश्वास जीता और 15 और 16 दिसंबर को दवाई देने और तेल लगाने के लिए मेरठ के बैंक्वेट हाल में भीड उमड पडी. यहां दवाई के 20 रुपए और तेल के 300 रुपए फीस थी. दवा और तेल बेचने वालों ने लोगों से कहा कि अगर तेल, दवा का असर चाहते हो तो नाई के पास जाकर पूरे गंजे होकर आना. तभी सिर पर असर देखने को मिलेगा. फिर क्या था हाल के आसपास की नाई दुकानों पर भीड बड गई. लोग हर हाल में गंजा होना चाहते थे. लोगों की भीड को देखते हुए तीनों तेल बेचने वालों ने हाल में ही नाइयों को भी बुला लिया, लोगों को टोकन दिया गया, टोकन के आधार पर नाई पहले बाल काटता फिर सिर पर दवाई लगाने के लिए भेजा जाता, जिसके 20 रुपए लिए जाते, दवाई लगाने वालों को फिर 300 रुपए का तेल की शिशी दी गई. दवाई और तेल लगाने के बाद लोगों को खुजली और एलर्जी हो गई और नाराज कुछ लोग थाने पहुंच गए. पुलिस ने फिर तीनों पर धारा 318(4)(धोखा देने) में मुकदमा दर्ज कर लिया.
