राजनीति

जिले में पाचों सीटों पर भाजपा का कब्जा.. सीएम के कार्यक्रम के लिए सोनकच्छ ही क्यों चुना..?


प्रदेशवार्ता. मप्र के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव कल सोनकच्छ विधानसभा में आएंगे. सोनकच्छ तहसील के पीपलरावां में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और किसान कल्याण योजना के हितग्राही किसानों के खातों में राशि अंतरित करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव हितग्राहियों से संवाद कर योजना के लाभ की जानकारी भी लेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जनसभा को भी संबोधित करेंगे तथा इसके पश्चात हितग्राहियों के हितलाभ के प्रतीकात्मक चेक वितरित करेंगे। इतने बडे आयोजन के लिए सोनकच्छ विधानसभा को ही क्यों चयनित किया गया. ये कार्यक्रम देवास मुख्यालय पर भी हो सकता था. हाटपीपल्या और कन्नौद भी पसंदीदा हो सकते थे. आदिवासी सीट बागली भी कतार में हैं, उसे भी छोडकर सोनकच्छ को क्यों चुना गया…? क्या इसमें कोई सियासी मसला हैं..? दरअसल जिले की अन्य चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा जीतती रही हैं. थोडी कमजोर हाटपीपल्या जरूर पडी लेकिन वो दीपक जोशी की निजी हार थी. ऐसे में भाजपा संघर्ष की स्थिति में केवल सोनकच्छ में ही रहती हैं. ये सीट कांग्रेस के कदावर नेता सज्जनसिंह वर्मा का होम ग्राउंड भी हैं. सज्जन वर्मा जीते या हारे, वे इस सीट पर अपनी सक्रियता नहीं छोडते. वे खुद भी कह चुके है कि सोनकच्छ उनकी कमजोरी हैं. पिछले चुनाव में भाजपा के राजेश सोनकर ने 25487 वोटों के बडे अंतर से सज्जनसिंह वर्मा को हराकर सभी को अचंभित कर दिया था. इस हार पर सज्जन वर्मा ने कहा था कि वे लाडली बहना योजना की लहर में निपट गए. कल सीएम सोनकच्छ की जमीन से उन्हीं लाडली बहनों का आभार मानेंगे जिन्होंने कांग्रेस के मप्र में कितने ही मजबूत किलों को ढहाकर पार्टी को रसताल में ला दिया. सीएम की सियासी समझ भी गहरी हैं, वे भी नहीं चाहेंगे कांग्रेस फिर से अपनी जमीन पकडे… इसलिए सोनकच्छ से बेहतर जिले में कोई जगह नहीं.

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