प्रदेशवार्ता. कोई जिम में गिरा तो फिर नहीं उठा, कोई अच्छा भला सडक पर चलते हुए बेसुध हुआ और जान चली गई. कोई शादी के कार्यक्रम में नाच गा रहा की अचानक गश खाकर गिरा लेकिन फिर नहीं उठा. इन सभी मामलों में एक बात समान है कि मरने वाला व्यक्ति अचानक ही मौत की आगोश में चला जाता हैं. कोई समझे इसके पहले ही डाक्टर भी जांच कर बता देता है कि व्यक्ति मर चुका हैं. अब अचानक से होने वाली इन मौतों को लेकर इंदोर एमजीएच के डाक्टरों ने रिसर्च की हैं. डाक्टरों की रिसर्च बहुत हद तक इन मौतों के कारणों का खुलासा करती हैं.
डाक्टरों का ये एक शोध बताता है कि नशा अचानक होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण बन रहा है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने अचानक मौत के कारणों की खोज की और पाया कि 191 मामलों में से 88 प्रतिशत लोग नशा करते थे।
रिसर्च के आंकड़े दर्शाते हैं कि युवाओं में अचानक मौतों की संख्या अधिक है. फारेंसिक मेडिसिन विभाग द्वारा किए गए इस रिसर्च में 18 वर्ष से अधिक आयु के 191 मामलों का अध्ययन किया गया. जिनमें से 173 पुरुष और 18 महिलाएं थीं। इनमें से 94 मौतें घर के अंदर और 97 मौतें ऑफिस, जिम, गार्डन आदि जैसे स्थानों पर हुईं। रिसर्च में यह भी पाया गया कि अधिकतर अचानक मौतें दोपहर 12 से शाम छह बजे के बीच हुईं। शोध में शामिल 191 मौत के मामलों में से 110 लोगों की मौत इसी समय के दौरान हुई। रिसर्च में यह भी सामने आया कि 172 लोगों की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई थी। नशा करने वालों में अचानक मौत से पहले धमनियों का ब्लॉक होना, सांस लेने में कठिनाई और मस्तिष्क का कार्य करना बंद होना जैसी समस्याएं देखी गईं। यह रिसर्च फारेंसिक मेडिसिन विभाग द्वारा की गई है, जिसका नेतृत्व डॉ. सूर्य प्रकाश ने किया, जबकि विभागाध्यक्ष डॉ. बजरंग कुमार सिंह और सह गाइड डॉ. तपन सिंह पेंड्रो ने मार्गदर्शन किया।
