प्रदेशवार्ता. मप्र में दो बच्चों के माता. पिता ही सरकारी नौकरी के पात्र हैं. दो से अधिक संतान वाले नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं कर सकते. एक महिला ने तीसरे बच्चे की बात को छूपाकर नौकरी पा ली. एक सरकारी स्कूल में शासकीय शिक्षक बन गई, सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन भेद खुल गया. शिकायत के बाद विभागीय जांच हुई और नौकरी चली गई. मप्र में इस कार्रवाई से हडकंप मच गया हैं. अलग. अलग सरकारी विभागों में ऐसे कई महिला. पुरुष कर्मचारी अब भी काम कर रहे हैं जिनकी तीन संताने है और इस बात को छुपाकर नौकरी कर रहे हैं. एक शिक्षिका की नौकरी जाने से ऐसे सभी लोग तनाव में हैं. पूरा मामला मप्र के छतरपुर जिले का हैं. छतरपुर जिले के धमौरा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में रंजीता साहू बतौर शिक्षक पदस्थ थी. किसी ने शिकायत कर दी कि मैडम के तीन बच्चे हैं. शिकायत तीन साल पहले की गई थी. शिकायतकर्ता के अनुसार मैडम के तीन बच्चे है और वे तीसरी संतान की बात को छिपाकर नौकरी का लाभ ले रही हैं. शिकायत के बाद दो साल पहले 2023 में मैडम को आरोप पत्र जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया. आरोप पत्र का मैडम ठीक से जवाब नहीं दे पाई, वे स्पष्ट नहीं कर पाई की उनकी तीन संतान नहीं है तथा उन्होंने कोई नियम नहीं तोडा. इसके बाद विभागीय जांच शुरू हुई. जांच में ये बात सामने आई कि रंजीता साहू ने 2001 के बाद तीसरी संतान के जन्म का तथ्य छिपाया था. इसके बाद संयुक्त संचालक सागर ने सेवा समाप्त कर दी.
