प्रदेशवार्ता. स्कूल में टेस्ट छूट गया. दस साल की बच्ची इस बात से घबरा गई. स्कूल पहुंचने पर टीचर खूब डांटेगी, ये बात मन में गहरे तक बैठ गई. स्कूल जाने पर टेस्ट छूटने पर भी सवाल न हो, और टीचर की डांट से भी बचने के लिए बच्ची ने जो कहानी बनाई उसने पुलिस को भी हैरान कर दिया. सबक लेते हुए पुलिस अब दूसरे स्कूलों में भी पहुंचकर बच्चों का मनौबल बढाएगी.
मप्र के रीवा जिले में एक दस साल की बच्ची के अपहरण का मामला सामने आने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई. पुलिस ने शहर के अंदर एक के बाद एक करके 20 सीसीटीवी कैमरें खंगाल दिए. तब पुलिस को नजर आया कि बच्ची तो अपने साइकिल से जा रही हैं.
पुलिस ने बच्ची से बात की तो सच्चाई सामने आ गई. दरअसल बच्ची ने मोबाइल में वीडियो देखकर अपने अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी. बच्ची स्कूल में किसी कारण से टेस्ट नहीं दे पाई थी। उसे डर था कि टीचर उसे डांटेंगी। पुलिस ने बताया कि बच्ची का 29 जुलाई को स्कूल में टेस्ट था। वह किसी कारणवश नहीं दे पाई। इसके बाद सीधा स्कूल 4 अगस्त को गई। इन बीच के दिनों में वो सेहत खराब होने का बहाना बनाती रही। सोमवार को वो घर से तो स्कूल के लिए निकली, लेकिन डर की वजह से स्कूल जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। इसलिए स्कूल जाने की जगह साइकिल से दूर भटकती रही। शाम को घबराई हुई घर पहुंची।
घर पहुंचकर परिजन से कहा कि दो लोगों ने मेरा अपहरण कर लिया था। अपहरण की बात सुन परिजन भी घबरा गए और फिर परिजन बच्ची को लेकर सीधा थाने पहुंचे। पुलिस ने मंगलवार को उसके बयान दर्ज किए। पूछताछ में उसने सारी सच्चाई बता दी। इससे पहले सोमवार को पुलिस अपहरण की एफआईआर दर्ज कर चुकी थी। पुलिस ने बच्ची को स्कूल ले जाकर शिक्षकों और प्राचार्य से बात करवाई, ताकि वह डांट के डर से उबर सके। इसके साथ ही उसकी काउंसलिंग भी की गई.
