खेत-खलियान

देवास जिले में बढ़ाएंगे औषधीय खेती का रकबा, किसान औषधीय उत्पाद में उगाएंगे अश्वगंधा

आयुष विभाग ने जिले के विकासखंडों के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए, जो किसानों और एसएचजी को प्रेरित करेंगे
प्रदेशवार्ता. एक जिला-एक औषधीय उत्पाद के तहत देवास जिले में अश्वगंधा की खेती के लिए बड़े पैमाने पर किसानों को तैयार किया जा रहा है। आयुष विभाग अब गांव गांव तक इसके फायदे पहुंचाने के लिए मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित कर रहा है ताकि आम किसानों ओर स्व सहायता समूहों तक अश्वगंधा की अघुनातन और अच्छी बचत देने वाली खेती को सही-सही जानकारी पहुंचाई जा सके।
आयुष विभाग ने संस्था सोलिडरी डाड के साथ विभिन्न विकासखंडों से आए मास्टर ट्रेनर्स के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया। इसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के प्राचार्य डॉ. आर.पी.वर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र डॉ. महेन्द्र सिंह, मनरेगा के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी प्रवीण कोषे, कृषि विभाग के लोकेश गंगराडे़, उद्यानिकी के अनुविभागीय अधिकारी पी.एन.सेन, सॉलिडरी डाड की पूर्वा दीक्षित, याशिका रघुवंशी, जिला आयुष अधिकारी डॉ. गिर्राज बाथम एवं आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. ममता जूनवाल ने तकनीकी प्रशिक्षण देते हुए मास्टर ट्रेनर्स से आग्रह किया है कि वे अपने विकासखंडों में अधिक से अधिक किसानों, वन समितियों तथा स्व सहायता समूहों को औषधीय खेती के लिए तैयार करें। आयुष विभाग की महत्वाकांक्षी देवारण्य योजना में औषधीय पादप बोर्ड मंत्रालय भोपाल ने देवास जिले में अश्वगंधा को विशेष औषधीय उत्पाद के लिए चिन्हांकित किया है। इनके व्यापक प्रचार-प्रसार अभिसरण में विभागों की योजनाएं एवं औषधीय पौधों की खेती, संग्रहण, भंडारण, प्रसंस्करण तथा विपणन आदि विषयों की जानकारी प्रशिक्षण शिविर में दी गई.
प्रशिक्षण शिविर का संचालन मनीष वैद्य ने किया। अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत डॉ. नीरज गुप्ता, डॉ. मनीष मालवीय, डॉ. केवलराम कुशवाह, डॉ. नेहा कोहली, डॉ. स्नेहा मित्तल, मोहित सिंह खींची, डॉ. भावना परिहार, धर्मेन्द्र बैरागी, पंकजसिंह ठाकुर तथा अशोक यादव आदि ने किया।

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