भारतीय किसान संघ ने देवास कलेक्टर को ज्ञापन देकर नरवाई जलाने पर सख्ती न करने का किया अनुरोध, राहत नहीं मिली तो करेंगे आंदोलन
प्रदेशवार्ता. देवास बीज निगम की जमीन पर अधिकारियों ने नरवाई जलाकर खेत साफ किया. खेत जलाने के अलावा कोई दूसरा प्रबंधन नहीं सूझा. वो भी ऐसे हालातों में जब इनके पास पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. फिर भी यह उसका उचित प्रबंधन नहीं कर पाए. अभी देवास जिले में नरवाई जलाने पर किसानों को बड़ी संख्या में दंडित किया जा रहा है. उन पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा, इससे किसान भयभीत और अक्रोशित है. चिंता में है कि अपनी अगली फसल कैसे लेंगे. खेत की बोवनी के लिए खेत सुधारने कैसे करें..? ये चिंता किसानों को होने लगी है. जब तक किसानों को नरवाई नष्ट करने का उचित प्रबंधन नहीं किया जाता, किसानों के साथ सख्ती अन्याय है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में स्पष्ट लिखा है कि नरवाई का उचित प्रबंध के विकल्प दिए बगैर किसानों को दंडित नहीं किया जाए. शासन प्रशासन ने प्रबंधन की बात छोड़कर केवल किसानों का दंड देना ही उचित समझा, यह सुप्रीम कोर्ट की भी अव्हेलना है, जब शासकीय तंत्र ही अपने खेतों के नरवाई का उचित प्रबंध नहीं कर पाया, उसे उन्होंने जलाना उचित समझा तो दोहरी मानसिकता क्यों..? अभी देवास जिले में सैकड़ो किसानों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई। इस विषय को लेकर भारतीय किसान संघ का प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की है कि जब तक नरवाई का उचित प्रबंधन का विकल्प नहीं दिया जाए तब तक किसानों पर कार्रवाई नहीं की जाए. भारतीय किसान संघ ने स्पष्ट कहना है कि अगर किसानों को राहत नहीं दी गई तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा. जिसकी सारी जवाबदारी शासन प्रशासन की रहेगी। इस अवसर पर संभागीय सहमंत्री बहादुर सिंह राजपूत ,जिला अध्यक्ष हुकुमचंद पटेल, जिला मंत्री शेखर पटेल ,जिला उपाध्यक्ष नारायण मंडलोई, जिला सह मंत्री चंपालाल मुकाती, जिला कोषाध्यक्ष केदारमल पाटीदार, राकेश जाट, ईश्वर सिंह पटेल,नरेंद्र सिंह डाबी, वीरेंद्र सिंह, देवकरण अगेरा रामनारायण यादव गब्बू सिंह , संतोष यादव, उमेश पाटीदार बाबूलाल जी यादव एवं अनेक किसान उपस्थित थे.
