प्रदेशवार्ता. देवास राजपरिवार में संपत्ति विवाद की सुनवाई अब हाईकोर्ट में होगी. जिला न्यायालय देवास के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया हैं. इस पर 26 सितंबर को सुनवाई होगी. जिस संपत्ति को लेकर राजपरिवार के सदस्यों के बीच विवाद चल रहा है उसका बाजार मूल्य 12 अरब 39 करोड़ 50 लाख रुपए से ज्यादा बताया जा रहा है। इन संपत्तियों में देवास कोठी, ग्राम नागदा, ग्राम राधोगढ़, देवास सहित अलग-अलग जगह पर एक हजार एकड़ से ज्यादा जमीन, जयपुर का कोल्ड स्टोरेज, इंदौर का बंगला, आलोट, जयपुर, पुणे, अहमदनगर आदि स्थानों की संपत्तियां शामिल हैं। इस विवाद में हाईकोर्ट में तीन अलग. अलग याचिकाएं प्रस्तुत हुई हैं. दरअसल देवास जिला न्यायालय ने 11 जनवरी 2025 के अपने आदेश में राजपरिवार की संपत्ति के बेचने. खरीदने पर रोक लगा दी थी, इसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई हैं.
स्वर्गीय तुकोजीराव पंवार की बहन महाराष्ट्र निवासी शैलजाराजे पंवार ने जिला न्यायालय में एक वाद प्रस्तुत करते हुए देवास राजघराने की संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग की थी. वादी शैलजाराजे ने कहा कि वे कृष्णाजीराव पंवार की पुत्री हैं। उन्हें उनकी संपत्तियों में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। इस वाद में गायत्रीराजे पंवार, विक्रमसिंह पंवार, कनिकाराजे पंवार, उत्तराराजे पाटनकर, देवकीराज फालके, महाराज तुकोजीराव पंवार धार्मिक एवं चैरिटेबल ट्रस्ट, महाराजा कृष्णाजीराव पंवार धार्मिक एवं चैरिटेबल ट्रस्ट, कलेक्टर देवास और रतलाम कलेक्टर पक्षकार हैं। जिला न्यायालय ने सुनवाई के बाद 11 जनवरी 2025 को राजपरिवार की संपत्ति के व्यवहार पर रोक लगा दी थी। इसी फैसले को गायत्रीराजे पंवार की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट में ही शैलजाराजे पंवार ने भी वरिष्ठ अधिवक्ता रवींद्रसिंह छाबड़ा और मुदित माहेश्वरी के माध्यम से एक अन्य याचिका प्रस्तुत की है। इसमें कहा है कि महाराष्ट्र स्थित देवास राजपरिवार की संपत्ति पर निर्माण चल रहा है। उन्होंने इसे रोकने की मांग की है।
