खेत-खलियान

धरे रह गए सख्त कार्रवाई करने के दावे, प्रदेशवार्ता ने कमलापुर गांव की हकीकत चेक की तो खेत के खेत जले मिले, एक किसान खेत सुलगाते मिला


प्रदेशवार्ता. मप्र की मोहन यादव सरकार ने इस बार सख्त आदेश जारी किए थे कि खेत आग के हवाले नहीं होंगे. जो ऐसा करेगा उस पर कार्रवाई की तलवार भी लटकाई. लेकिन तमाम दावों के बाद भी खेतों में नरवाई यानि पराली जलाई जा रही हैं. कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने कहा था कि पर्यावरण सुरक्षा को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर रोक लगाई, इसके लिए नरवाई जलाने वाले किसानों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तहत जुर्माने का प्रावधान किया गया. देवास जिले में प्रशासन ने इस बार काफी तैयारी की, गांव.गांव किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग की गौष्ठी हुई. नियम कायदे बताए. साथ ही चेताया भी कि नरवाई जलाने पर जुर्माना वसूला जाएगा.
हकीकत देखने प्रदेश वार्ता की टीम देवास जिले की बागली तहसील के कमलापुर पहुंची. बडी चौराहे से कमलापुर के लिए जैसे ही अंदर इंट्री की, जले खेत स्वागत में खडे थे. आगे बिजली कंपनी के ग्रिड के पीछे खेत के खेत जलाए जा चुके थे. खेत पर गहरी काली परत जमी थी. कुछ आगे जाने पर दाये तरफ का एक खेत में गेहूं कट चुके थे, खाली खेत में एक किसान माचिस लेकर आग लगाने की तैयारी कर रहे थे. खेत में अलग. अलग तीन. चार जगह वे माचिस से खेत सुलगाने लगे. पुलिस चौकी ग्रिड के आगे हैं. चौकी के आसपास के खेत भी जलाए जा चुके थे.
नियम ये है कि जुर्माना वसूलने के लिये संबंधित व्यक्ति, निकाय या कृषक जिनके द्वारा नरवाई जलाकर पर्यावरण को क्षति पहुंचाई गई है, उनके खिलाफ उप संचालक कृषि सूचना-पत्र जारी करेंगे. सूचना-पत्र को तामील कराने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी की होगी. संबंधित क्षेत्र के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी इसका परीक्षण करेंगे और तामील किए गए सूचना पत्रों की सूची अनुविभागीय कृषि अधिकारी उप संचालक कृषि को प्रस्तुत करेंगे. कृषि विस्तार अधिकारी, संबंधित ग्राम के हल्का पटवारी एवं पंचायत सचिव के साथ समन्वय बनाकर कार्य करेंगे. जरूरत पड़ने पर पुलिस बल की भी मदद ली जा सकेगी. क्या कमलापुर में कृषि विभाग कार्रवाई करेगा…?
ऐसा कोई व्यक्ति, निकाय या कृषक जिसके पास 2 एकड़ तक की भूमि है, तो उससे नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 2500 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा. इसी प्रकार 2 से 5 एकड़ तक की भूमि है तो 5 हजार रुपए और 5 एकड़ से अधिक भूमि है तो उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 15 हजार रुपए प्रति घटना के मान से जुर्माना भरना होगा. दूसरी बार नरवाई जलाने पर फिर जुर्माना भरना होगा.”

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