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निजी अस्पताल का घोटाला… मुख्यमंत्री सहायता राहत कोष से निकाले 48 लाख रुपए

प्रदेशवार्ता. फर्जी एस्टीमेट बनाकर मरीजों के इलाज का सरकारी पैसा निकाला गया. मप्र में एक निजी अस्पताल के फर्जीवाडे का खेल सामने आया हैं. एक मरीज की जागरूकता से ये भंडाफोड हुआ हैं. निजी अस्पताल फर्जी एस्टीमेट बनाकर मुख्यमंत्री सहायता कोष के पैसे डकार रहा था. अब तक अस्पताल ने 48 लाख रुपए इलाज बताकर निकाल लिए.
गुना जिले के मधुसूदनगढ में भोपाल सिटी हास्पिटल के नाम से एक निजी अस्पताल हैं. इस अस्पताल का फर्जीवाडा मधुसूदनगढ के ही रहने वाले दिनेश अहिरवार सामने लेकर आए हैं. दिनेश का पैर का आपरेशन होना था, अस्पताल ने उनसे आपरेशन के लिए 70 हजार रुपए की मांग रखी. अस्पताल ने कहा कि वे 30 हजार रुपए नकद जमा करा दे, बाकी के 40 हजार रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष से स्वीकृति कराने की बात कही गई. अस्पताल ने इसके लिए एस्टीमेट भी तैयार किया. दिनेश ने 30 हजार रुपए नकद जमा करा दिए. कुछ दिन बाद जब वे दोबारा अस्पताल गए और पूछा तो अस्पताल स्टाफ ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि स्वीकृत नहीं हुई हैं. दिनेश को शक हो गया, अपने स्तर से अस्पताल के अकाउंटेंट से बात की. अकाउंटेंट ने बता दिया कि फंड में पैसा आया था, जिसे खर्च कर दिया गया हैं. दिनेश को ये भी पता चला कि पहले भी इस अस्पताल ने उनके जीजाजी के नाम से भी पैसे निकाले थे.
दिनेश ने अब मधुसूदनगढ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई हैं. ये भी सामने आया है कि जो लोग अस्पताल गए ही नहीं उनके नाम का उपयोग कर फर्जीवाडा किया गया हैं. अस्पताल को मुख्यमंत्री सहायता राहत कोष से लगभग 48 लाख रुपए का भुगतान हुआ। भोपाल कलेक्टर की आईडी से अस्पताल को 3.30 लाख रुपए तथा विदिशा कलेक्टर की आईडी से 3 लाख का भुगतान हुआ हैं. अस्पताल ने इन जिलों के मरीज भी अस्पताल में दर्शाए है, जिसके बाद ये भुगतान किया गया. अब सवाल ये भी है कि कोई मरीज भोपाल से गुना क्यों आएगा…?

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