प्रदेशवार्ता. देवास शहर में स्थित श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर तुकोगंज रोड पर पर्युषण महापर्व की पूर्णाहुति के उपलक्ष्य में जिनेश्वर प्रभु की नगर भ्रमण रथ यात्रा निकाली गई. इस अवसर पर साध्वीजी तत्वरसा श्रीजी, जिनेशरत्ना श्रीजी, तत्वश्रेया श्रीजी, तत्वसंप्रज्ञा श्रीजी, तत्वश्रमणा श्रीजी म.सा. अपने संपूर्ण साध्वी मंडल के साथ उपस्थित थे। माणिभद्र मंडल, महावीर मंडल, नवयुवक मंडल एवं बहुमंडल ने अपने हाथों से रथ खींचकर प्रभु को नगर भ्रमण करवाया। 45 आगम तपस्वियों की आकर्षक शोभा यात्रा निकली जिसमें सभी तपस्वियों ने मुकुट एवं माला धारण कर उत्साहपूर्वक भाग लिया। आगम को विविध प्रकारों सेे सुसज्जित कर मस्तक पर धारण कर निकली महिलाओं का समूह सभी के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। श्रद्धालुओ ने अक्षत एवं श्रीफल की गहुली बनाकर प्रभु की भावभरी अगवानी की। ट्रस्ट मंडल, महिला मण्डल एवं बालिका मंडल झूमते नाचते हुए प्रभु नगर भ्रमण यात्रा में सम्मिलित हुए। प्रवक्ता विजय जैन ने बताया इस नगर भ्रमण यात्रा में समाज जन अपने संगठन की विशेष वेशभूषा में उपस्थित थे। भगवान को नगर भ्रमण करवाने का लाभ शुभम नरेन्द्र कुमार जैन परिवार ने प्राप्त किया। शासन माता को नगर भ्रमण कराने का लाभ संजय कुमार नेमीचंद जैन पद्मावती परिवार को मिला। अखण्ड ज्योत का सौभाग्य पन्नालाल शिवलाल तरवेचा, अजय कुमार धर्मेन्द्र कुमार मूणत, मीनाक्षी देवी नगीन भाई सोलंकी, सजनबाई अमोलकचंद जैन, मनोज जवेरीलाल कटारिया, मनीष जमनालाल जैन को मिला। वार्षिक बोलियो में समाज के कई परिवारों ने उत्साहपूर्वक लाभ प्राप्त किया। जिसके अंतर्गत मीनाक्षीदेवी नगीन भाई सोलंकी, विनय कुमार प्रेेमचंद जैन, पन्नालाल शिवलाल तरवेचा, शांताबाई इंदरमल केशरीमल जैन भोमियाजी, पुखराजदेवी रमणलाल चौधरी, अजय कुमार धर्मेन्द्र कुमार मूणत, प्रेमचंद बिरदीचंद शेखावत, चांदमल सूरजमल जैन, संजय कुमार नेमीचंद जैन, मांगीलाल छगनीराम जैन, सजनबाई अमोलकचंद जैन, शत्रुंजय स्नात्र मंडल, सोहनलाल सागरमल संघवी, अशोक कुमार बाबूलाल जैन झाबुुआ परिवार ने लाभ प्राप्त किया। अंत में साधर्मिक भक्ति का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में दीपक जैन, धर्मेन्द्र संघवी, संजय तरवेचा, मुकेश चौधरी, अंकित जैन, महावीर जैन, प्रफुल्ल जैन, चंद्रशेखर जैन, विनय जैन, सानिध्य जैन, यश जैन, विकास जैन, लवेश तरवेचा आदि का सहयोग प्राप्त हुआ। अतिथि सम्मान विलास चौधरी, शैलेन्द्र चौधरी, अतुल जैन, राकेश तरवेचा, अजय संघवी ने किया। संचालन अशोक जैन मामा ने किया तथा आभार सुधीर जैन एवं गौरव जैन भोमियाजी ने माना।
