प्रदेशवार्ता. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को समाधान ऑनलाइन में बालाघाट, उमरिया, देवास, भिंड, पन्ना, शहडोल, मऊगंज, कटनी, पांढुर्णा, टीकमगढ़, रायसेन एवं दमोह जिले के 12 प्रकरणों में सीधी सुनवाई की। इस दौरान सीएम ने आवेदकों से सीधे बात कर मामले के निराकरण की स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान गड़बड़ी और लापरवाही पर एक डीएफओ को शोकॉज नोटिस जारी किया गया, जबकि चार पटवारियों को निलंबित करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने नगारिक सेवाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए। देवास की आवेदिका प्रियंका पत्नी हिमांशु दीक्षित ने कहा कि उसे प्रसूति सहायता के 12 हजार रुपए नहीं मिले। कलेक्टर देवास ने बताया प्रसूति सहायता की राशि आवेदिका को उपलब्ध करा दी गई है। इस मामले में विलम्ब के लिए जिम्मेदार आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटर और तत्कालीन संविदा लेखापाल की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं और बहुउद्देशीय कार्यकर्ता को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही जिला चिकित्सालय के सहायक अस्पताल प्रबंधक की दो वेतनवृद्धियां रोकी गई हैं। वर्तमान संविदा लेखापाल को शोकॉज नोटिस जारी कर 10 दिन का वेटन काटा गया है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक को भी शोकॉज नोटिस देकर 7 दिन का वेतन काटा गया है। तत्कालीन सिविल सर्जन-सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक एवं वर्तमान सीएमएचओ देवास की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोक दी गई है।
