प्रदेशवार्ता. मप्र के शिक्षा विभाग में बडा घोटाला सामने आया हैं. छह साल में लाखों रुपए का फर्जी भुगतान कर राशि हडप ली गई. विकासखंड शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य, लेखापाल, शिक्षक, सहायक ग्रेड 2 व 3 ने मिलकर इस कारनामे को अंजाम दिया. अब कलेक्टर की जांच के बाद पुलिस ने इन छह पर केस दर्ज किया हैं. बाकि समय अब इनका जेल में कट सकता हैं. जैसे ही यह मामला सामने आया शिवपुरी के कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने तुरंत संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए।
मप्र के शिवपुरी में ये घपला सामने आया हैं. जिले के विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, खनियाधाना में वर्ष 2018-19 से 2024-25 तक कुल 40 व्यक्तियों के बैंक खातों में 10442763 रुपए का फर्जी भुगतान किया गया। इसके अलावा 20 अन्य खातों में वेतन और भत्तों के मद में 50000 से अधिक की संदिग्ध रकम ट्रांसफर की गई।
यह गबन 81 लाख 23 हजार 728 रुपए का बताया जा रहा है. जांच समिति ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसके अनुसार, 40 में से 18 व्यक्तियों के खातों में 68 लाख 77 हजार 121 रुपए का भुगतान पाया गया। वहीं, 20 में से 8 खातों में 6 लाख 19 हजार 274 रुपए की राशि संदिग्ध रूप से ट्रांसफर की गई। इसके अलावा, सहायक ग्रेड-3 ओमकार सिंह धुर्वे को विभागीय खाते से 6 लाख 3 हजार 199 रुपए और लेखापाल सुखनंदन रसगैया को अक्टूबर 2020 के वेतन में 24200 रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया गया।
लेखापाल सुखनंदन रसगैयां ने स्वयं के वेतन भत्तों में अतिरिक्त भुगतान के अलावा अपनी पुत्री हेमलता, पुत्र शिवा, बृजेश व अरूण कुमार रसगैयां के नाम के खातों में 14 लाख रुपए से अधिक का भुगतान कर दिया. इसके अलावा माध्यमिक शिक्षक यशपाल बघेल की पत्नी रेखा बघेल के खाते में भी अन्य कर्मचारियों को 3.49 लाख रुपए का भुगतान किया गया. इसके अलावा खुशी बघेल, साक्षी बघेल व यशपाल बघेल के खातों में भी पैसा भुगतान किया गया. इतना ही नहीं सहायक ग्रेड-3 ओंकार सिंह धुर्वे ने अपने एवं पत्नी अनुराधा धुर्वे, भाई अनिल सिंह धुर्वे के खातों में 20.95 लाख रुपए का भुगतान किया.
कलेक्टर की जांच के बाद जिन पर केस दर्ज हुआ हैं उनमें प्रकाश सूर्यवंशी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, सतीश शरण गुप्ता प्राचार्य शासकीय बालक उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय पिछोर, सुखनंदन रसगैया लेखापाल, ओमकार सिंह धुर्वे सहायक ग्रेड-3, गिरेंद्र कुमार कं घारिया सहायक ग्रेड-2, यशपाल बघेल माध्यमिक शिक्षक के नाम शामिल हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने बीएनएस 2023, आईटी एक्ट सहित अन्य दंडनीय धाराओं के तहत संबंधित कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करवाई है.
