प्रदेश

बेटी की पढाई कक्षा 9वीं के बाद बंद कर दी, विरोध किया तो घर से निकाला, अब पुलिस ने उठाई जिम्मेदारी

प्रदेशवार्ता. पढाई का अधिकार छिना तो बेटी ने विरोध कर दिया. मामला थाने तक पहुंचा, पुलिस ने समझाइश दी, लेकिन मा. बाप नहीं माने, दो टूक कह दिया कि वे अब आगे नहीं पढाएंगे. बेटी ने भी हिम्मत नहीं हारी, साफ कर दिया कि आगे की पढाई तो जारी रखेगी, चाहे कुछ हो जाए. बालिका की पढाई के लिए ललक देख अब पुलिस आगे आई हैं.
उत्तरप्रदेश के एटा जिले के जलसर इलाके की एक बेटी अपनी पढाई के लिए संघर्ष कर रही हैं. जलेसर के सियादेवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज में काम करने वाली लता देवी नामक महिला ने बेटी की पढाई पर ब्रेक लगा दिया. पति दिगंबर सिंह भी फैसले में साथ हैं. दोनों के एक बेटा और एक बेटी हैं। 14 साल की बेटी भावना को उन्होंने 9वीं कक्षा तक पढ़ाया। लेकिन इस साल उन्होंने उसकी आगे की पढ़ाई बंद करा दी। वे उस पर दबाव बनाने लगे कि वह आगे ना पढ़े। मारपीट की बात भी सामने आई है। लेकिन पढ़ने की जिद में बेटी ने इसका विरोध किया और पुलिस में शिकायत कर दी।
पुलिस और बाल कल्याण बोर्ड ने मां-बाप को समझाया, और आगे पढाई जारी रखने की समझाइश दी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिर में बेटी की इच्छा पर ‘बच्चों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015’ के तहत धारा 75 में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस केस के बाद मां-बाप ने भावना को अपने साथ रखने से भी मना कर दिया. इसलिए पुलिस ने उसे नोएडा के नारी निकेतन भेज दिया गया है।
पढाई का जज्बा देख अब पुलिस ने बच्ची को आगे पढ़ाने की जिम्मेदारी उठाई है। पुलिस ने उसे ड्रेस, कॉपी और किताबें भी दिलवाई हैं। फिलहाल, बेटी को नोएडा नारी निकेतन भेजा गया है। मामला अभी बाल कल्याण समिति में लंबित है। किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 75 के तहत बच्चों के प्रति क्रूरता के लिए सजा का प्रावधान है। दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button