प्रदेशवार्ता. निजी अस्पतालों से सेटिंग कर एंबुलेंस 108 और जननी एक्सप्रेस सीधे निजी अस्पताल मरीज को लेकर जा रही थी. खुलासा हुआ तो स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई. तुरंत एक्शन लिया गया. अब एंबुलेंस स्टाफ को नौकरी से बाहर कर दिया गया हैं. इस मामले पर सांसद ने भी नाराजगी जताई थी और सीएमएचओ से कार्रवाई के लिए कहा था. आगे ऐसा न हो इसके लिए अब एक वाट्सअप ग्रुप बनाकर सीएमएचओ ने निगरानी में लिया है.
मप्र के बडवानी में 108 एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस घायल और मरीजों को सरकारी अस्पताल लेकर आने के बजाए निजी अस्पताल की तरफ दौड लगा रही थी. ये सब कमीशन के लिए किया जा रहा हैं. कमीशन के खेल का खुलासा हुआ तो हंगामा मच गया. दो लोगों ने शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी कर दी. क्षेत्रीय सांसद गजेंद्र पटेल और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुमेर सिंह सोलंकी ने भी इस पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने सीएमएचओ से इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा था। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद तीन ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) और चार पायलटों को ड्यूटी से हटा दिया गया। एक व्हिसल ब्लोअर, सुनील शर्मा ने शिकायत की थी कि सिलावद क्षेत्र के पायलट और इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड हेमंत कमल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके बाद 108 के जिला समन्वयक ने शिकायत को सही पाया और उसे भी हटा दिया। अब तक आठ लोगों को नौकरी से बाहर कर दिया गया हैं.
बड़वानी जिले की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सुरेखा जमरे ने बताया कि 108 और जननी वाहनों के स्टाफ के खिलाफ शिकायत मिली थी। शिकायत में कहा गया था कि ये लोग मरीजों को सरकारी अस्पतालों की जगह निजी अस्पतालों में ले जा रहे हैं. ऐसा कमीशन के चक्कर में किया जा रहा था। जांच के बाद यह बात सही पाई गई.
