प्रदेशवार्ता. छात्राओं के लिए शासन ने साइकिलें तो भेज दी, लेकिन स्कूल के प्राचार्य का इमान डगमगा गया. तीन महीने पहले स्कूल आई साइकिलों को खुद प्राचार्य ने गायब करवा दिया और पुलिस को चोरी की रिपोर्ट लिखवा दी. मामला ठंडा होने पर अब प्रिंसिपल ने साइकिलें बेचने की कोशिश की तो धरा गए. इस मामले से शिक्षा विभाग में भी हडकंप मच गया. मप्र के सिंगरौली जिले के शासकीय हाईस्कूल खटाई में तीन महीने पहले छात्राओं के लिए साइकिलें पहुंची थी. ये साइकिलें छात्राओं को मिलती उसके पहले ही स्कूल के प्राचार्य जयकांत चौधरी की नजरें इन साइकिलों पर टिक गई. प्राचार्य ने स्कूल से साइकिल चोरी होना बता दिया. गबन करते हुए खुद प्राचार्य चौधरी ने ये साइकिलें खैरागांव में एक व्यक्ति के यहां छिपाकर रखवा दी. चोरी की रिपोर्ट किए ही तीन महीने बीत जाने के बाद प्राचार्य भी बेफिक्र हो गए कि अब आराम से इन साइकिलों को बेच देंगे. लेकिन मामला उल्टा पड गया. प्राचार्य साइकिल बेच रहे है इसकी सूचना पुलिस के पास भी पहुंच गई. पुलिस ने सूचना पर एक्शन लिया और खैरागांव में छापा डाल दिया. पुलिस को स्कूल से गायब हुई साइकिले मिल गई. पुलिस ने मौके से 23 साइकिलों को जब्त किया. मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में भी हड़कंप मच गया है। जिला शिक्षा अधिकारी एसबी सिंह ने कहा कि साइकिलें गैर कानूनी तौर से बेचने की नीयत से रखी गईं थी। इसलिए स्कूल के प्राचार्य के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
