प्रदेशवार्ता. एक शिक्षिका ने अपनी पूरी संपत्ति स्कूल के ही छह बच्चों के नाम कर दी. स्कूल के बच्चों का चयन उनकी ग्रेड देखकर किया. ऐसे ए ग्रेड लाने वाले छह बच्चों में अपनी डेढ करोड की संपत्ति बांट दी. इनमें पांच लडके और एक लडकी हैं. सभी बच्चों के 18 साल के होने पर उनके हिस्से का पैसा बैंक में जमा किया जाएगा. दरअसल शिक्षिका गंभीर बीमार है, चल फिर नहीं सकती. राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपने लिए इच्छा मृत्यु भी मांगी हैं. शिक्षिका ने मकान, अन्य संपत्ति और बैंक बैलेंस अपने स्कूल के छह बच्चों के नाम की हैं. करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति के लिए उन्होंने रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर छह वसीयत बनवाई है।
इंदौर के शासकीय स्कूल की शिक्षिका है चंद्रकांता जेठवानी. शिक्षिका चंद्रकांता ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा, हड्डियों की गंभीर बीमारी से पीड़ित है। शिक्षिका चंद्रकांता जेठवानी ने बताया कि मैं अब इच्छा मृत्यु चाहती हूं। क्योंकि रोजाना आठ घंटे व्हीलचेयर पर रहना पड़ता है। परिवार में कोई भी नहीं है। शिक्षिका असहनीय दर्द से काफी परेशान हो गई है। रोजाना आठ घंटे तक व्हीलचेयर पर ही रहना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इंदौर के एक ऑर्थोपेडिक सर्जन की गलती के कारण यह हालत हुई है। डॉक्टर को यह पता होना चाहिए कि इस बीमारी में दवाई रिएक्ट कर सकती है। मेरी पूरी बॉडी खींची गई, कंधे से हाथ टूट गया है। इलाज के बाद शरीर का निचला हिस्सा पैरालाइज हो गया. खास बात यह है कि शिक्षिका इतने दर्द के बावजूद बच्चों को पढ़ाना नहीं छोड़ा है। वह नियमित ऑटो रिक्शा से जबरन कॉलोनी स्थित शासकीय स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए आती है। पूरे समय व्हील चेयर पर ही रहती है। बच्चों के सामने कभी अपना दुख व्यक्त नहीं करती है। वह यहीं सीखाती है कि हमें किसी भी परिस्थिति में हिम्मत नहीं हारना चाहिए। शिक्षिका चंद्रकांता कहती है कि वे कभी भी आत्महत्या नहीं करेगी, क्योंकि मैने बच्चों को जीने की सीख दी है, उन्हें इसका आत्मविश्वास दिया हैं. अगर में आत्महत्या करूं तो मेरा शिक्षिकीय आदर्श टूट जाएगा. हर दिन के असहनीय दर्द के साथ जी रही हूं. इसलिए राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी हैं. दुनिया को गरीमा के साथ अलविदा कहना चाहती हूं.
