प्रदेशवार्ता. एक नवजात की जिंदगी को मां. बाप ने सरकारी नौकरी के लिए दांव पर लगा दी. पति. पत्नी दोनों शिक्षक हैं. पहले से ही तीन संताने थी. तीसरी संतान की जानकारी तो छूपाकर रखी थी, अब चौथी संतान होने पर डर था कि उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी. शासन के नियम से डरे दंपत्ति ने खौफनाक कदम उठाया.
मप्र के छिंदवाडा के नांदनीवाडी गांव में शिक्षक दंपत्ति ने चौथे बच्चे के साथ क्रूरता दिखाई. दोनों ने मिलकर बच्चे को जंगल में पत्थर से दबाकर छोड आए. बच्चे का भी जीवन था तो एक राहगीर को बच्चा नजर आ गया. उसने पुलिस को सूचना की और पुलिस बच्चे को अस्पताल लेकर आ गई. पुलिस ने जांच शुरू की तो आरोपी शिक्षक दंपत्ति बबलू डांडोलिया और उसकी पत्नी राजकुमारी डांडोलिया पकडा गए. अब इन पर धारा 307 का केस बनाकर जेल भेज दिया गया हैं. आरोपी माता पिता बबलू डांडोलिया एवं राजकुमारी डांडोलिया ग्राम सिधौली थाना तामिया निवासी हैं. वे अमरवाड़ा में रहकर ग्राम नांदनवाड़ी में प्राथमिक शाला में वर्ग 3 में शिक्षक हैं. अपनी चौथी संतान होने से नौकरी से सस्पेंड (सेवा समाप्त) होने के डर से पति पत्नी अपने ने नवजात शिशु को नांदनवाड़ी के जंगल में छोड़ दिया था. बटकाखापा टीआई अनिल राठौर ने बताया कि पकड़े गए मास्टर बबलू ने पूछताछ में बताया कि मेरे 3 बच्चे थे, चौथा और हो गया तो मेरी नौकरी चली जाएगी, इस डर के कारण बच्चे को पत्थर में दबा दिया था. शिक्षक ने अपना अपराध स्वीकार किया है. उसके बच्चों में एक आठ साल का, दूसरा 6 साल का और तीसरा 4 साल के हैं. अब हमने इनको गिरफ्तार करके न्यायालय भेज दिया है. उसमें धारा 307बढ़ा दी गई है. आरोपी नंदनवाड़ी में शिक्षक था और 2009 में उसने नौकरी ज्वाइन की है .
