प्रदेशवार्ता. अन्य राज्यों की हायर सेकंडरी की अंकसूची को संदिग्ध मानते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने चयनित उम्मीदवारों को होल्ड कर दिया हैं. इन्हें कहा गया है कि वो अपनी अंकसूची का सत्यापन जिला स्तरीय आपत्ति समिति में करें. साथ ही एडीएम कोर्ट में अपील कर अपना पक्ष रख सकते हैं. पूरा मामला मप्र के राजगढ़ जिले से जुडा हैं. आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता और सहायिका की भर्ती में अंतिम चयन के बाद 70 आवेदकों के दस्तावेज चेक किए तो अंकसूची गडबड लगी. राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली के साथ हिमाचल प्रदेश बोर्ड की अंकसूचियां लगाई थी. जिन बोर्ड से परीक्षा उत्तीर्ण करना बताया वे शिक्षा मंडल के जारी किए गए 216 वैध बोर्ड की सूची में भी दर्ज नहीं हैं. दसवीं और बारहवीं की इन अंक सूचियों पर सवाल खडे हो गए हैं. राजगढ़ में कम्प्यूटर सेंटर संचालक कुणाल और राजू मेवाडे पर केस भी दर्ज है. जिले में संचालित गिरोह इस काम में लगे हैं. ये 50 हजार रुपए लेकर अंकसूची की व्यवस्था कर देते हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि जिनकी अंकसूची संदिग्ध और अमान्य मिली उनके आवेदन निरस्त कर मेरिट सूची में दूसरे और तीसरे स्थान पर रही महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही हैं.

