प्रदेशवार्ता. वर्ष 2008 में बागली के अपहरण एवं हत्या संबंधी सनसनीखेज प्रकरण में फरार आरोपी को 17 वर्षों बाद देवास पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. ऑपरेशन हवालात” के तहत देवास पुलिस ने ये सफलता हासिल की हैं. तीन आरोपियो में अन्य दो आरोपी 2010 में आजीवन कारावास से हुए दण्डित हुए थे. तीसरा अभियुक्त 17 वर्षों से कानूनी शिकंजे से दूर था.
वर्ष 2008 में तीन आरोपियों मानसिंह पिता समंदर सिंह राजपूत निवासी पिपलियाखुर्द भौंरासा, ज्ञानसिंह पिता रामसिंह राजपूत निवासी ग्राम बोलासा भौंरासा तथा अमरीश पिता कालीचरण राजोरिया निवासी ग्राम रासनोल जिला भिंड ने मिलकर बागली थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति का अपहरण करने के पश्चात गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी और उसकी डेड बॉडी को जंगल में फेंक कर भाग गए थे. जिस पर से थाना बागली में धारा 364,365,302,34 भादवि एवं 3(2)(V) SC/ST Act का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया. दो आरोपी को वर्ष 2008 में ही गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया था,जिन्हें 2010 में विशेष न्यायालय देवास द्वारा आजीवन कारावास एवं जुर्माना की सजा से दंड दिया गया था उक्त प्रकरण का मुख्य मास्टरमाइंड एक आरोपी वर्ष 2008 से फरार था जो पुलिस को चकमा देकर लगातार फरार चल रहा था. आरोपी अपने निवास स्थान पर न रहकर अज्ञात स्थान पर रहने लगा, जिसकी तलाश पुलिस ने विभिन्न स्थानों दिल्ली, मुंबई, गुजरात, महाराष्ट्र, आगरा, ग्वालियर, भोपाल, उज्जैन आदि स्थान पर तलाश करने के पश्चात लगातार तकनीकी साक्ष्यों एवं मुखबिर तंत्र की सहायता से आरोपी को गिरफ्तार किया. आरोपी लगातार अपने को पुलिस से बचाने के लिए एवं कार्यवाही से बचने के लिए कई मोबाइल एवं अलग-अलग सिम का उपयोग कर एवं एक निश्चित स्थान पर न रहकर अपना निवास स्थान बदलकर रह रहा था,आरोपी अमरीश पिता कालीचरण राजोरिया उम्र 59 साल निवासी ग्राम रासनोल थाना गोहद जिला भिंड को गिरफ्तार करने के बाद आरोपी के कब्जे से चार मोबाइल प्राप्त हुए हैं आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा.
