प्रदेशवार्ता . केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को यमन की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर राष्ट्पति रशद अल अलीमी ने मुहर लगाते हुए फांसी की मंजूरी दे दी. भारतीय नर्स यमन की जेल में 2017 से बंद थी. हत्या के आरोप में सजा सुनाई जा रही हैं. वहां के कानून के मुताबिक फांसी एक माह में दी जाएगी. निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ की रहने वाली एक नर्स हैं, जिन्होंने कुछ साल यमन के प्राइवेट अस्पतालों में काम किया। 2014 में उनके पति और नाबालिग बेटी आर्थिक दिक्कतों की वजह से भारत लौट आए। उसी साल यमन में गृह युद्ध शुरू हो गया, जिससे नए वीजा जारी होने बंद हो गए और उनका परिवार यमन वापस नहीं आ सका।
क्लिनिक खोलने में मदद मांगी.. बाद में विवाद हो गया…
यमन के कानून के मुताबिक, सिर्फ स्थानीय नागरिकों को ही क्लिनिक और व्यवसाय खोलने की इजाजत होती है। 2015 में, निमिषा ने यमन की राजधानी सना में क्लिनिक खोलने के लिए तलाल अब्दो महदी नाम के यमनी नागरिक से मदद मांगी। हालांकि, दोनों के बीच विवाद हो गया। निमिषा के परिवार का आरोप है कि तलाल ने क्लिनिक के फंड में हेराफेरी की और निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया।
ऐसे लगा हत्या का आरोप कैसे लगा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, निमिषा ने तलाल से अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। लेकिन दवा की खुराक ज्यादा हो गई, जिससे तलाल की मौत हो गई। यमन से भागने की कोशिश के दौरान निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया।
