प्रदेशवार्ता. सऊदी अरब के दो बडे पवित्र शहर मक्का और मदीना. लाखों लोग हर साल हज और उमराह पर जाते हैं. अब सऊदी अरब ने विदेशी निवेशकों के लिए एक बडा कदम उठाते हुए भारतीय हिंदू समेत सभी धर्मों के लोगों को मक्का और मदीना में निवेश का अवसर दिया है. सऊदी अरब ने इन दो शहरों में अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी यहां निवेश और कारोबार के नए दरवाजे खोल दिए हैं. निवेश का सीधा संबंध हज और हमराह यात्रा से जुडा हैं. इसकी घोषणा सऊदी अरब की कैपिटल मार्केट अथारिटी ने हाल ही में की हैं. सऊदी अरब अपनी अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से हटाकर विविधता लाने के प्रयास में है। इसके तहत विजन 2030 के तहत विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए कई छूट और सुविधाएं दी जा रही हैं। मक्का और मदीना में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स का विस्तार किया जा रहा है, ताकि हर साल 30 मिलियन तीर्थयात्रियों को आकर्षित किया जा सके. विदेशी निवेशक मक्का.मदीना में पब्लिकली-ट्रेडेड कंपनियों और रियल एस्टेट फर्मौं में निवेश कर सकते हैं. हालांकि विदेशी निवेशक सीधे तौर पर मक्का. मदीना में संपत्ति नहीं खरीद सकते, लेकिन वे पब्लिक फर्म के शेयर और परिवर्तनीय डेब्ट इंस्टूमेंट में निवेश कर सकते हैं. मक्का और मदीना में हर साल लाखों तीर्थयात्री हज और उमराह के लिए पहुंचते हैं। इनमें ठहरने और अन्य सुविधाओं के लिए होटल और रियल एस्टेट की बड़ी मांग होती है। साल 2019 में सऊदी अरब ने हज और उमराह से करीब 12 बिलियन डॉलर की आय अर्जित की थी। यही वजह है कि सऊदी अरब ने रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मक्का. मदीना में निवेश की शर्तों के अनुसार विदेशी निवेशक केवल सऊदी स्टाक एक्सचेंज में सूचीबध्द फर्मों में निवेश कर सकते हैं. किसी भी कंपनी में 49 प्रतिशत से अधिक शेयर विदेशी निवेशक नहीं खरीद सकते. निवेश केवल मक्का. मदीना तक ही सीमित है.
