देवास। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से संबद्ध ‘सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र, नईदिल्ली’ के क्षेत्रीय केन्द्र उदयपुर, (राजस्थान) में दिनांक 21से 23 नवम्बर 2025 तक जिला स्रोत व्यक्ति हेतु “पाठ्यक्रम शिक्षण में सांस्कृतिक तत्व” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया । इस कार्यशाला में भारत के 19 विभिन्न राज्यों से कुल 84 चयनित शिक्षक शिक्षिकाओ को सीसीआरटी द्वारा अपने अपने ज़िले में ” राष्ट्रीय सांस्कृतिक दूत” का दायित्व सौंपा गया है । कार्यशाला में देवास जिले से उपस्थित हुए व्याख्याता पुष्पेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि “वंदे मातरम” के 150 वर्षों तथा बिरसा मुण्डा जी की 150 जयंती को समर्पित इस कार्यशाला में सीसीआरटी के दिल्ली से पधारे डिप्टी डायरेक्टर डॉ राहुल कुमार ने विद्यालय में आगामी समय में की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों तथा कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी देते हुए सभी डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन्स के विद्यालयों में कल्चरल क्लब खोले जाने को स्वीकृति प्रदान की । विख्यात संगीतज्ञ डॉ प्रेम भंडारी जी ने पूर्ण वंदे मातरम का गायन सभी प्रतिभागियों को सिखाया । मेवाड़ के महाराणा कुंभा तथा राजपूतों की आन बान और शान के प्रतीक ” कुंभलगढ़ फोर्ट ” का शैक्षणिक भ्रमण कराते हुए वहाँ के इतिहास और कुंभलगढ़ के महाराणाओं की ‘वीर गाथा’ से परिचय गया । इसके अतिरिक्त भारत के विभिन्न राज्यों के शिक्षक साथियों से विद्यालयों में नई शिक्षा नीति के अनुरूप की जा रही विभिन्न गतिविधियों ,कार्यक्रमों और विद्यार्थियों में सांस्कृतिक तत्वों को समाहित कर शिक्षण किए जाने के संबंध में भी कार्यशाला में चर्चा हुई । श्री राठौर की पहल पर आगामी समय में सेवानिवृत होने वाले पांच जिला स्त्रोत व्यक्तियों को डॉ राहुल कुमार के आतिथ्य में सीसीआरटी तथा सभी प्रतिभागियों की ओर से सम्मानित भी किया गया । इस समारोह का संचालन ओम जोशी (बाड़मेर ) ने किया और पुष्पेन्द्रसिंह राठौर ने आभार प्रदर्शन किया । सभी प्रतिभागियों को डॉ राहुल कुमार व मिथुन दत्ता के द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए । समापन समारोह को अनिल यादव (रेवाड़ी हरियाणा ) ने भी संबोधित किया । श्री राठौर ने बताया कि एक नई ऊर्जा ,नए दायित्व और नए शैक्षणिक दृष्टिकोण का संचार इस कार्यशाला से प्राप्त हुआ ।


