प्रदेशवार्ता. मप्र भाजपा को हेमंत खंडेलवाल के रूप में नया अध्यक्ष मिल गया. खंडेलवाल का तारूफ बडा लंबा हैं. वे प्रदेश की राजनीति के मिजाज से अच्छे से वाकिफ हैं. चुनावी माहौल की नब्ज पकडना जानते हैं. इस कारण चुनाव प्रबंधन के माहिर खिलाडी है, पार्टी को जरुरत के समय उनकी मदद मिलती रही हैं. लंबे वनवास के बाद सत्ता में आई कमलनाथ की सरकार की कुछ समय बाद ही विदाई में खंडेलवाल की मुख्य भूमिका थी. खंडेलवाल ने सिंधिया खेमे को साधा था. 2018 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के कुछ विधायकों द्वारा विद्रोह कर दिया गया था. भाजपा ने ऐसे मौके पर सिंधिया खेमे को साधा और अपने साथ शामिल कर नई सरकार बनाने की बातचीत शुरू की। उनको टूटने से बचाने के लिए भाजपा शासित कर्नाटक के बेंगलुरु ले जाया गया। कांग्रेस के सिंधिया के खेमे और भाजपा नेतृत्व के बीच समन्वय की जिम्मेदारी जिन नेताओं को मिली, उसमें प्रदेश भाजपा के तत्कालीन संगठन चुनाव प्रभारी हेमंत खंडेलवाल प्रमुख थे।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें प्रदेश चुनाव समिति का संयोजक बनाया गया। यहां की सभी 29 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। हेमंत खंडेलवाल ने वर्ष 2014 से 2018 तक पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष का दायित्व भी निभाया। वर्ष 2010 से 2013 तक उन्होंने भाजपा के बैतूल जिलाध्यक्ष का दायित्व भी संभाला।
खंडेलवाल 2007 में पिता के निधन के बाद हुए उप चुनाव में लोकसभा का प्रत्याशी बनकर उतरे। यहां से उनके सक्रिय राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें बैतूल विधानसभा सीट से उतारा। वह जीत भी गए। वर्ष 2018 के चुनाव में उन्हें दोबारा टिकट मिला, लेकिन जीत नहीं पाए। तीसरी बार वर्ष 2023 के चुनाव में पार्टी ने एक बार फिर उन्हें टिकट देकर मैदान में उतारा और वे जीतने में सफल रहे।
