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अस्पताल में भर्ती आंगनवाडी कार्यकर्ता का खुलासा… अधिकारी वसूली करते.. जो पैसा नहीं देती उसे सभी करते परेशान


प्रदेशवार्ता. महिला बाल विकास विभाग में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा हैं. पहले मप्र के सिंगरोली जिले में बर्तन घोटाला सामने आया अब अशोकनगर से नया खुलासा सामने आ रहा हैं. दरअसल एक आंगनवाडी कार्यकर्ता को अधिकारी द्रारा इतना प्रताडित किया गया की उसकी तबीयत बिगड गई. जानकारी के अनुसार आंगनवाडी कार्यकर्ता ममता ओझा को शहरी परियोजना अधिकारी ने फोन लगाकर तत्काल रजिस्टर लेकर आफिस आने को कह दिया. ममता ने इस पर कहा कि वो अभी नहीं आ सकती क्योंकि उसके चाचा ससुर का निधन हो गया हैं. नहीं आने की बात सुनकर परियोजना अधिकारी बिफर गया और आफिस नहीं आने पर नौकरी से निकालने की धमकी दे डाली. नौकरी की धमकी से आंगनवाडी कार्यकर्ता डर गई और अपना रजिस्टर लेकर आफिस पहुंची. आफिस में जांच के दौरान परियोजना अधिकारी ने शिवहरे बुक के एक खाली बिल को फर्जी बताते हुए प्रताडित करना शुरू कर दिया. इस पर कार्यकर्ता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दस रुपए का बिल कोई नहीं देता, इसलिए जब एक साथ रजिस्टर और दूसरे स्टेशनरी हो जाती है तो बिल बना दिया जाता है. लेकिन परियोजना अधिकारी धमकी देने लग गया. परियोजना अधिकारी के अडियल रवैये से परेशान आंगनवाडी कार्यकर्ता शिकायत लेकर कलेक्टर कार्यालय चली गई, लेकिन सूचना मिलने पर जिला अधिकारी चंद्रसेना भिडे उन्हें समझाकर वापस बाहर ले आई. लेकिन तनाव के चलते आंगनवाडी कार्यकर्ता ममता ओझा की तबीयत बिगड गई, हालत बिगडते देख कार्यकर्ता ममता को आईसीयू में भर्ती कराया गया. ममता ने अस्पताल में मीडिया के सामने पूरा कच्चा चिठ्ठा खोलकर रख दिया. ममता बोली कुछ आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को आगे कर उनसे ही वसूली कराई जाती हैं. अलग. अलग आंगनवाडी केंद्रों से ये कार्यकर्ता वसूली करती हैं. ममता ने बताया महिला बाल विकास विभाग का कोई सा भी आयोजन हो, कार्यकर्ताओं से ही वसूली कराई जाती हैं. ममता ने कहा मेरी बडी बेटी के दिल में छेद हैं. बेटी की दवाई में ज्यादा पैसा खर्च हो जाता हैं. इस कारण में हमेशा पैसे देने से साफ मना कर देती हूं. बस इस कारण मुझे टारगेट किया जाता हैं. ममता के अनुसार वसूली की पूरी चैनल है जिसमें सुपरवाइजर से लेकर परियोजना अधिकारी जुडे हैं. पैसा कलेक्शन का एक उदाहरण देते हुए ममता ने बताया की अगर रंगोली बनाने का आयोजन रखा गया तो उसका भी पैसा मांगा जाता हैं.

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