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आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई की घोडी पर बैठकर बारात निकाल ले.. इस मिथक को दूल्हे बने वकील ने तोडा…


प्रदेशवार्ता. गुजरात के अहमदाबाद में बनासकांठा जिला हैं. इसी जिले के पालनपुर तहसील में गांव हैं गदलवाडा. इस गांव में आज तक किसी दलित दूल्हे की हिम्मत नहीं हुई की वो घोडी पर बैठकर अपनी बारात गांव में धूमधाम से निकाल ले. गांव के दबंगों से कोई उलझना नहीं चाहता, इस कारण दलित वर्ग के दूल्हें घोडी पर बारात निकालने की कभी हिम्मत नहीं कर सके. लेकिन इस साल ये दबंगाई टूट गई. बारात भी निकली और जश्न का माहौल भी बना. आगे के लिए अन्य युवाओं के लिए भी मिसाल बनी. पहली बार घोडी पर बैठे दूल्हे का नाम है मुकेश पारेचा. मुकेश पेशे से वकील हैं. मुकेश ने 22 जनवरी को पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पुलिस सुरक्षा मांगी. मुकेश के पत्र को एसपी ने भी गंभीरता से लिया और इसके बाद मुकेश की शादी में पूरा पुलिस फोर्स गांव में उतर गया. मुकेश ने पत्र में लिखा हमारे गांव में, अनुसूचित जाति के लोगों ने कभी घुड़चढ़ी (शादी में घोड़ी पर बैठकर जाने वाली रस्म) नहीं की है. मैं घुड़चढ़ी करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा. किसी अप्रिय घटना की संभावना को देखते हुए हमें पुलिस सुरक्षा दी जाए. इसके बाद 6 फरवरी को गांव में मुकेश की बारात निकली तो उसमें 145 पुलिसकर्मी शामिल थे. पुलिस इंस्पेक्टर वसावा ने बताया कि निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया गया. पुलिस की सुरक्षा में बारात शांतिपूर्ण तरीके से निकल गई. इसके पहले राजस्थान के अजमेर जिले में भी दलित दूल्हे की बारात में 75 पुलिस वाले शामिल हुए थे.

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