प्रदेशवार्ता. आनंद उत्सव अंतर्गत देवास जिले में खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा हैं. जिला स्तरीय आनंद उत्सव का आयोजन 31 जनवरी को मल्हार स्मृति मंदिर में दोपहर 12 बजे किया जाएगा. सीएम की मंशा के अनुसार इस बार आनंद उत्सव का आयोजन प्रदेश में दस हजार स्थानों पर किया जा रहा हैं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुसार जीवन को परिपूर्ण बनाने के लिए आनंद जरूरी हैं. सीएम यादव ने आनंद उत्सव को लेकर कहा, ” लोक-संस्कृति में रची-बसी गतिविधियों का सामुदायिक स्तर पर संचालन जीवन में आनंद का संचार करता है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण प्रदेश में आनंद उत्सव का आयोजन किया जा रहा है.” ”नागरिकों की मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक उन्नति और प्रसन्नता, प्रदेश के विकास और खुशहाली के लिए आवश्यक है. आधारभूत आवश्यकताओं व अधोसंरचना की उपलब्धता के साथ आनंद और प्रसन्नता का संचार जीवन को परिपूर्ण बनाने के लिए जरूरी है.” शासन की मंशानुसार ही जिले में कलेक्टर ऋषव गुप्ता के निर्देशानुसार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं आनंद विभाग, नोडल हिमांशु प्रजापति के मार्गदर्शन में आनंद उत्सव का आयोजन 28 जनवरी तक जिला पंचायत, नगर निगम एवं जिले की सभी नगर परिषदों के सहयोग से राज्य आनंद संस्थान देवास द्वारा किया जा रहा है।
आनंद विभाग की समन्वयक डॉ समीरा नईम ने बताया कि जिले के कुल 286 (217 क्लस्टर पंचायत एवं 69 नगर परिषद / नगर निगम) पर आयोजन स्थलों को चयनित कर आनंद उत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आनंद उत्सव का उद्देश्य नागरिकों मे सहभागिता एवं उत्साह को बढ़ाने के लिए समूह स्तर पर खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना है। आनंद उत्सव की मूल भावना प्रतिस्पर्धा नहीं वरन सहभागिता है। डॉ नईम ने बताया देवास जिले के सभी विकासखंडों एवं नगर परिषदों में आनंद उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह उत्सव नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के महिला एवं पुरुषों में आनंद की अनुभूति दिलाने के लिए आयोजित किया जाता है। आनंद उत्सव को सफलतापूर्वक पूर्ण करने हेतु जिले के सभी विकास खंडों में स्थित ग्राम पंचायतों को कलस्टर में विभाजित किया गया है। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ-साथ आनंदकों की सहभागिता भी सक्रिय रूप से रही।
आनंद उत्सव में प्रमुख रूप से स्थानीय तौर पर प्रचलित परंपरागत खेलकूद, कबड्डी, खो-खो, बोरा रेस, रस्सा खींच, चेयर रेस, सितोलिया, नींबू रेस, जलेबी दौड़ आदि खेलों की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसी प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोकगीत, लोकसंगीत, नृत्य, गायन, भजन, कीर्तन आदि स्थानीय स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं।
