प्रदेशवार्ता. मरीजों के यूरिन सैंपल अगर चाय के डिस्पोजल में ली जाएगी तो फिर पूरी जांच रिपोर्ट ही बदलकर आ जाएगी. जो रिपोर्ट प्रभावित होगी उसी के अनुसार मरीज को दवाई लिखी जाएगी. इस तथ्य के बावजूद मप्र के खरगोन जिले के कसरावद के अस्पताल में लापरवाही की गई. मामला सामने आया तो सीएमएचओ एमएस सिसोदिया ने इसे गलत बताया और कार्रवाई की बात की हैं. स्वास्थ्य विभाग द्रारा सही तरीके से परीक्षण के लिए यूरिन सेंपल लेने के लिए प्लास्टिक के छोटे कंटेनर की खरीदी की जाती है और हर अस्पताल में लेब को दिए भी जाते हैं। लेकिन खरगोन जिले के कसरावद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेब की कहानी ही अलग चल रही थी. स्टेंड पर एक के बाद एक कतार में चाय के डिस्पोजल रखे जा रहे थे, इन्हीं चाय के डिस्पोजलों में मरीजों का यूरिन है। यूरिन जांच के लिए इन्हे सैंपल के तौर पर तैयार किया गया। अस्पताल में मरीज से जांच के लिए कई महीनो से डिस्पोजल कप में कर्मचारी यूरीन सैंपल भरवा रहे हैं। यह डिस्पोजल कप कागज के चाय वाले कप हैं। इससे सैंपल गिरने एवं बदलने का खतरा तो है ही जांच रिपोर्ट कैसी आएगी, यह भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। जाहिर है इस जांच रिपोर्ट के आधार पर जो दवाइयां दी जाएगी वह भी भगवान भरोसे ही होंगी।
